शादी से पहले जरूरी मेडिकल टेस्ट: जानें क्यों हैं ये अनिवार्य
शादी की परंपरा और मेडिकल टेस्ट का महत्व
भारत में, विशेष रूप से हिंदू धर्म में, विवाह को जन्मों का बंधन माना जाता है। शादियों के प्रति लोगों का उत्साह भी देखने लायक होता है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार कई प्रकार की तैयारियों में जुटे रहते हैं। इस प्रक्रिया के बाद, धूमधाम और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ दो दिल एक होते हैं।
शादी की इस परंपरा का महत्व इस बात से भी स्पष्ट होता है कि वर और वधु की कुंडलियां मिलाई जाती हैं, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की समस्याएं न आएं। लेकिन, दुर्भाग्यवश, शादी से पहले एक महत्वपूर्ण पहलू, यानी मेडिकल फिटनेस टेस्ट, अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
जब दो लोग एक साथ जीवन बिताने का निर्णय लेते हैं, तो केवल कुंडली मिलाना ही पर्याप्त नहीं है। ऐसे में, जब कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी में कई गुणों की तलाश करता है, तो मेडिकल टेस्ट कराने में संकोच क्यों करना?
जरूरी मेडिकल टेस्ट
जेनेटिक डिजीज टेस्ट (Genetic Disease Test)…
अपने मंगेतर का जेनेटिक डिजीज टेस्ट कराना बेहद जरूरी है। यदि उनमें कोई आनुवांशिक बीमारियां हैं, तो ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर हो सकती हैं। इनमें डायबिटीज, किडनी डिजीज और कैंसर जैसे रोग शामिल हो सकते हैं। यदि आप अपनी आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ जीवन देना चाहते हैं, तो यह टेस्ट करवाना अनिवार्य है।
ब्लड ग्रुप कंपैटिबिलिटी टेस्ट (Blood Group Compatibility Test)…
हालांकि यह टेस्ट आवश्यक नहीं है, लेकिन आजकल इसका चलन बढ़ गया है। यह परिवार नियोजन के लिए महत्वपूर्ण होता है। यदि दोनों पार्टनर्स का आरएच फैक्टर समान है और ब्लड ग्रुप संगत है, तो इससे महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है। इसलिए, शादी से पहले ब्लड ग्रुप का कंपैटिबिलिटी टेस्ट कराना चाहिए।
इनफर्टिलिटी टेस्ट (Infertility Test)…
पुरुषों में स्पर्म की स्थिति और स्पर्म काउंट जानने के लिए इनफर्टिलिटी टेस्ट कराना आवश्यक है। चूंकि शरीर में इन्फर्टिलिटी से जुड़े कोई खास लक्षण नहीं होते, इसलिए यह टेस्ट करवाना महत्वपूर्ण है। इससे भविष्य में परिवार योजना बनाने और गर्भधारण में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी।
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज टेस्ट (Sexually Transmitted Disease Test)…
आजकल शादी से पहले एक और महत्वपूर्ण टेस्ट होता है, जो है सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज टेस्ट। वर्तमान में, शादी से पहले यौन संबंध बनाना आम हो गया है। ऐसे में, इस टेस्ट को करवाना आवश्यक है, जिसमें एचआईवी, एड्स, गोनोरिया, हर्प्स, हेपेटाइटिस सी जैसी बीमारियां शामिल हैं।
यदि आप ये टेस्ट करवा लेते हैं, तो आप और आपका पार्टनर एक सुरक्षित और खुशहाल जीवन की ओर बढ़ सकते हैं। आजकल की व्यस्त जिंदगी में समस्याएं बहुत हैं, और यदि ये बातें शादी के बाद सामने आती हैं, तो स्थिति और भी जटिल हो सकती है।