शशि थरूर की नाराजगी और कांग्रेस में बढ़ती आंतरिक कलह
नीलांबुर उपचुनाव में थरूर की नाराजगी
नीलांबुर उपचुनाव के दौरान सांसद शशि थरूर ने अपनी असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी ने उन्हें नीलांबुर में प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किया। थरूर ने यह भी बताया कि यदि उन्हें बुलाया जाता, तो वह अवश्य जाते। उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों का उल्लेख किया और कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी में चर्चा की जाएगी।
वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी
यह चर्चा का विषय बना कि यूडीएफ उम्मीदवार आर्यदान शौकम के लिए प्रचार करने के लिए नीलांबुर आने के बावजूद, सभी वरिष्ठ नेता और अधिकांश कांग्रेस सांसद थरूर से नहीं मिले। ऐसी रिपोर्टें थीं कि राष्ट्रीय और राज्य नेतृत्व थरूर के नए कदमों से असंतुष्ट हैं।
ऑपरेशन सिंदूर पर थरूर की टिप्पणी
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों को उजागर करने के लिए अमेरिका में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले थरूर को ऑपरेशन सिंदूर पर की गई टिप्पणियों के लिए कुछ कांग्रेस नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा। न्यूयॉर्क में, थरूर ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय से कहा कि भारत की सीमा पार सैन्य कार्रवाई एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बदलाव को दर्शाती है।
कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
उनके बयान पर पार्टी के सहयोगियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे यूपीए शासन के दौरान की गई सर्जिकल स्ट्राइक का उल्लेख कर रहे हैं, और थरूर को टैग करते हुए एक तीखा जवाब दिया।
थरूर का बचाव
थरूर ने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा कि अमेरिका यात्रा का उद्देश्य भारत का संदेश प्रस्तुत करना था, न कि पार्टी की राजनीति में शामिल होना। उन्होंने कहा, "यह आंतरिक बहस का समय नहीं है। हम एक राष्ट्रीय मिशन पर हैं।"
केरल में थरूर के भविष्य पर अटकलें
यह पहली बार नहीं है जब थरूर ने अपनी पार्टी के साथ मतभेद व्यक्त किए हैं। इस साल की शुरुआत में, केरल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार की प्रशंसा करने वाले एक लेख के लिए उनकी आलोचना हुई थी, जिससे उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर नई अटकलें लगाई गईं। मई 2026 में केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिससे थरूर के अगले राजनीतिक कदम पर चर्चा जारी है।