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शशि थरूर का 'राष्ट्र पहले' सिद्धांत: कांग्रेस में बढ़ते मतभेद

शशि थरूर ने हाल ही में कांग्रेस में अपने 'राष्ट्र पहले' सिद्धांत को स्पष्ट किया है, जिससे पार्टी में मतभेद बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सभी दलों को एकजुट होना चाहिए। थरूर की बेबाक टिप्पणियों ने उन्हें आलोचकों के बीच प्रशंसा दिलाई है। जानें, कैसे कांग्रेस के भीतर उनके विचारों को लेकर विवाद उत्पन्न हो रहा है और पार्टी का बदलता रुख क्या है।
 

कांग्रेस और थरूर के बीच बढ़ता तनाव

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद कांग्रेस और सांसद शशि थरूर के बीच का तनाव अब स्पष्ट हो गया है। थरूर ने हाल ही में एक छात्र के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह अपनी राय पर कायम रहेंगे, चाहे कितनी भी आलोचना क्यों न हो, क्योंकि उनका मानना है कि यह देश के लिए सही है।


छात्र के सवाल पर थरूर की प्रतिक्रिया

तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर कोच्चि में एक कार्यक्रम में थे, जब एक हाई स्कूल के छात्र ने उनसे पार्टी के साथ उनके असहज संबंधों के बारे में सवाल किया। थरूर ने अपनी टिप्पणी का वीडियो साझा करते हुए 'एक्स' पर लिखा, 'हालांकि मैं राजनीतिक चर्चाओं से दूर रहता हूं, लेकिन मुझे लगा कि एक छात्र को जवाब मिलना चाहिए।'


थरूर का राजनीतिक दृष्टिकोण

उन्होंने आगे कहा, 'दुर्भाग्य से, किसी भी लोकतंत्र में राजनीति हमेशा प्रतिस्पर्धा पर आधारित होती है। जब हम अपनी पार्टियों का सम्मान करते हैं, तो हमें राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में अन्य पार्टियों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी पार्टियों को लगता है कि यह बेवफाई है, और यही समस्या बन जाती है।'


राष्ट्र की प्राथमिकता

थरूर ने स्पष्ट किया कि उनकी पहली वफादारी राष्ट्र के प्रति है। उन्होंने कहा, 'पार्टियां राष्ट्र को बेहतर बनाने का एक साधन हैं। इसलिए, हर पार्टी का उद्देश्य एक बेहतर भारत बनाना होना चाहिए।'


सभी दलों का एकजुट होना आवश्यक

उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी दलों को एक बेहतर और सुरक्षित भारत के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। 'हम सभी को एक सुरक्षित भारत के लिए काम करना चाहिए, और यही मेरी प्रतिबद्धता है।'


पहलगाम हमले के बाद थरूर की स्थिति

पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद थरूर ने लगातार भारत की स्थिति को स्पष्ट किया है। उनकी बेबाक टिप्पणियों ने आलोचकों को भी उनका प्रशंसक बना दिया है।


कांग्रेस का बदलता रुख

कांग्रेस ने पहले हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई में केंद्र का समर्थन किया था, लेकिन बाद में उसने अपना रुख बदल लिया। पार्टी ने सरकार से संघर्ष विराम के कारणों पर स्पष्टीकरण मांगा। थरूर की टिप्पणियां उनके पार्टी सहयोगियों को पसंद नहीं आईं।


थरूर का अडिग विश्वास

थरूर ने कहा, 'मैं अपनी बात पर अड़ा रहूंगा क्योंकि मेरा मानना है कि यह देश के लिए सही है। जब देश खतरे में हो, तो अपने मतभेदों को किनारे रख दीजिए।'


नेहरू का संदर्भ

उन्होंने जवाहरलाल नेहरू का हवाला देते हुए कहा, 'अगर भारत मर गया तो कौन बचेगा? भारत को पहले आना चाहिए।'


खडगे और थरूर के बीच टकराव

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने थरूर की टिप्पणी पर नाराजगी जताई थी। थरूर ने खडगे को जवाब देते हुए कहा, 'उड़ने की इजाजत मत मांगो। पंख तुम्हारे हैं।'