शशि थरूर का अमेरिका पर तीखा हमला, माफी मांगने की आवश्यकता नहीं
थरूर का मोदी और ट्रंप के संदेश पर बयान
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संदेश का त्वरित उत्तर दिया, लेकिन दोनों देशों के अधिकारियों को कुछ महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकता है। थरूर ने ट्रंप के "नए लहजे" का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीयों को जो अपमान सहना पड़ा, उसके लिए इतनी जल्दी दी गई चोट को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने एक समाचार एजेंसी से कहा, "प्रधानमंत्री ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और विदेश मंत्री ने भी हमारे बुनियादी संबंधों, यानी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया है, जो अभी भी कायम है। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।" थरूर ने कहा, "मुझे लगता है कि दोनों पक्षों के अधिकारियों को कुछ गंभीर सुधार करने की आवश्यकता है। मैं इस नए दृष्टिकोण का स्वागत करता हूँ।"
लुटनिक के बयान पर थरूर का प्रतिवाद
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक पर तीखा हमला किया, जिन्होंने कहा था कि भारत अंततः दबाव में आकर वाशिंगटन से माफी मांगेगा और रूस के साथ व्यापारिक संबंधों पर दो महीने के भीतर समझौता करेगा। थरूर ने कहा कि भारत का व्यवहार परिपक्वता और निष्पक्षता से भरा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को माफी मांगने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य देश मास्को के साथ बड़े लेन-देन कर रहे हैं, तो भारत को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है।
माफी मांगने की आवश्यकता नहीं: थरूर
थरूर ने लुटनिक के दावे को खारिज करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमें माफी मांगने की कोई आवश्यकता है। भारत ने इन मामलों में काफी परिपक्वता से काम किया है।" शुक्रवार को ब्लूमबर्ग को दिए गए बयान में, लुटनिक ने कहा कि भारत अंततः डोनाल्ड ट्रंप के साथ समझौता करने के लिए बातचीत पर लौटेगा। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि एक या दो महीने में, भारत बातचीत की मेज़ पर होगा, और वे माफी मांगेंगे।"
लुटनिक की चेतावनी
लुटनिक ने भारत के लिए दंडात्मक उपायों से बचने के लिए तीन शर्तें रखीं - रूसी तेल खरीदना बंद करो, अपने बाजार खोलो, और ब्रिक्स से अलग हो जाओ। उन्होंने कहा, "भारत अपना बाजार नहीं खोलना चाहता। रूसी तेल खरीदना बंद करो।" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत रूस और चीन के बीच सेतु बनाना चाहता है, तो उसे अमेरिकी डॉलर का समर्थन करना होगा।
थरूर का तर्क
अमेरिका की आर्थिक ताकत पर जोर देते हुए लुटनिक ने कहा, "हम दुनिया के उपभोक्ता हैं।" इस पर थरूर ने याद दिलाया कि पिछली अमेरिकी सरकार ने भारत को वैश्विक कीमतों को स्थिर करने के लिए रूसी तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था। उन्होंने कहा, "यह मत भूलिए कि रूस के साथ व्यापार को पिछली अमेरिकी सरकारों का समर्थन प्राप्त था।"
भारत की आलोचना पर थरूर का दृष्टिकोण
थरूर ने कहा कि भारत की आलोचना वाशिंगटन की नीतिगत त्रुटि के समान है। उन्होंने कहा, "यह अजीब है कि हमें ही निशाना बनाया जा रहा है, जबकि अन्य देश हमसे कहीं अधिक व्यापार कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि भारत को माफी मांगने की कोई आवश्यकता नहीं है और यह समझना चाहिए कि भारत भी एक संप्रभु राष्ट्र है।