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शरद पवार ने बिहार चुनाव में महिलाओं की उद्यमिता योजना की भूमिका पर उठाए सवाल

राकांपा (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने बिहार चुनाव में महिलाओं के लिए शुरू की गई उद्यमिता योजना की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग की अनुमति पर चिंता जताते हुए कहा कि इस योजना ने राजग की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पवार ने भविष्य में भी ऐसी योजनाओं के लागू होने की संभावना जताई। जानें पवार ने और क्या कहा और बिहार की राजनीति में इसका क्या असर हो सकता है।
 

महिलाओं की उद्यमिता योजना का प्रभाव

राकांपा (एसपी) के नेता शरद पवार ने शनिवार को कहा कि बिहार चुनाव में महिलाओं के लिए शुरू की गई उद्यमिता योजना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की शानदार जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि निर्वाचन आयोग ने चुनाव के दौरान इस योजना के तहत धन वितरण की अनुमति कैसे दी।


बारामती में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पवार ने बताया कि बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) मिलकर मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लेंगे।


उन्होंने कहा, “बिहार चुनाव के परिणाम (मुख्यमंत्री) नीतीश कुमार की भविष्यवाणी से भिन्न नहीं थे। महिलाओं ने चुनाव की बागडोर अपने हाथ में ले ली। मुझे पहले लगा था कि महिलाओं के बैंक खातों में 10,000 रुपये जमा करने की योजना ने (राजग के पक्ष में) माहौल तैयार किया।”


पवार ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ का उल्लेख किया, जिसके तहत बिहार में हर परिवार की एक महिला सदस्य को उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।


उन्होंने निर्वाचन आयोग से सवाल किया कि चुनाव के दौरान इस योजना के तहत धन वितरण की अनुमति कैसे दी गई।


पवार ने कहा, “निर्वाचन आयोग को यह विचार करना चाहिए कि क्या (बिहार सरकार की ओर से इस योजना के तहत) धन वितरण उचित था।” उन्होंने भविष्य में भी बिहार की तरह धन वितरण योजनाओं के लागू होने की संभावना जताई।


राकांपा (एसपी) प्रमुख ने कहा, “महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भी (लाडकी बहिन योजना के तहत) महिलाओं के खातों में आधिकारिक रूप से राशि जमा की गई थी। यदि सत्तारूढ़ दल चुनावों में इसी तरह की रणनीति अपनाते हैं, तो इससे लोगों का विश्वास और चुनाव प्रक्रिया दोनों प्रभावित होंगे।”


पवार ने महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के संदर्भ में राकांपा (एसपी) और अपने भतीजे एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच संभावित गठबंधन पर सीधे सवालों का जवाब देने से बचते रहे।


उन्होंने कहा, “मुझे किसी भी जिले में (राकांपा के दोनों गुटों के बीच गठबंधन के संबंध में) बातचीत की कोई जानकारी नहीं है। राकांपा (एसपी) में हुई चर्चा के अनुसार, स्थानीय नेता नगर पंचायत और पंचायत समिति चुनावों के दौरान (गठबंधन बनाने पर) निर्णय लेंगे।”