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शरद पवार का महाराष्ट्र सरकार पर किसानों की मदद न करने का आरोप

एनसीपी के नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह किसानों की मदद करने के बजाय उनसे पैसे वसूल रही है। उन्होंने गन्ने के दाम में कटौती के फैसले की आलोचना की और सरकार से पुनर्विचार करने का आग्रह किया। पवार ने कहा कि भारी बारिश ने किसानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है, विशेषकर मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस कटौती के पीछे का तर्क दिया है, लेकिन पवार का कहना है कि किसानों को सहायता की आवश्यकता है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 

किसानों की स्थिति पर शरद पवार का बयान

एनसीपी के नेता शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में किसान संकट का सामना कर रहे हैं। हाल की भारी बारिश ने उनके फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे उन्हें सहायता की आवश्यकता है। लेकिन सरकार किसानों से सीएम राहत कोष में योगदान देने की मांग कर रही है।


पवार ने बताया कि सरकार ने गन्ने के दाम में 15 रुपये प्रति टन की कटौती का निर्णय लिया है, जिससे किसानों में असंतोष बढ़ रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।


उन्होंने कहा कि किसानों को नुकसान की भरपाई के बजाय उनसे जबरन पैसे वसूलना अनुचित है। पवार ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और उचित सहायता की मांग करेंगे।


पवार ने यह भी उल्लेख किया कि महाराष्ट्र में बारिश के कारण फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है, विशेषकर मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में गन्ने की फसलें प्रभावित हुई हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आएगी।


मुख्यमंत्री फडणवीस का स्पष्टीकरण

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गन्ने के दाम में कटौती के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह निर्णय गन्ना पेराई मंत्रिस्तरीय समिति की बैठक में लिया गया है। इसमें 15 रुपये प्रति टन की कटौती की गई है, जिसमें से 5 रुपये बाढ़ प्रभावित किसानों को दिए जाएंगे और 10 रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किए जाएंगे।


फडणवीस ने स्पष्ट किया कि यह राशि किसानों को मिलने वाले एफआरपी से नहीं, बल्कि कारखाने के मुनाफे से काटी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का गन्ना किसानों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, इसलिए किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।