शरजील इमाम ने बिहार चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भाग लेने की योजना बनाई
शरजील इमाम की जमानत की कोशिश
शरजील इमाम
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र नेता शरजील इमाम जेल से बाहर आने के लिए बेताब हैं। उन्होंने दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया है। उनका तर्क है कि बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। शरजील ने बहादुरगंज से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है और 14 दिन की अंतरिम जमानत मांगी है।
इमाम को 15 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक जमानत की आवश्यकता है, जबकि बहादुरगंज में मतदान 11 नवंबर को होगा। वह पिछले पांच वर्षों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं और बार-बार रिहाई की याचिकाएं दायर कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
कोर्ट से निराशा का सामना
पिछले महीने, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा कि विरोध के नाम पर हुई हिंसा को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं माना जा सकता। न्यायालय ने यह भी कहा कि इमाम की भूमिका गंभीर है, क्योंकि उन्होंने सांप्रदायिक आधार पर उत्तेजक भाषण दिए थे। शरजील ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जहां सुनवाई चल रही है।
इससे पहले, 11 फरवरी 2022 को भी उनकी एक याचिका को खारिज किया गया था। अदालत ने कहा कि उनके भाषणों का उद्देश्य सार्वजनिक अव्यवस्था और हिंसा को भड़काना था, और यह भारत की क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
शरजील इमाम पर आरोप
शरजील इमाम का मामला नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़ा है, जिसमें फरवरी 2020 में हिंसा हुई थी। उन पर आरोप है कि वह दंगों के पीछे साजिशकर्ता हैं।
बहादुरगंज सीट का चुनाव
शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद के काको गांव के निवासी हैं। उन्होंने किशनगंज जिले की बहादुरगंज विधानसभा सीट को चुना है, जो मुस्लिम बहुल है। यहां मुसलमानों की लगभग 68 प्रतिशत आबादी है। शरजील इस सीट के माध्यम से अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना आवश्यक है। उनका मानना है कि भारतीय राजनीति में कांग्रेस के नेतृत्व वाली धर्मनिरपेक्ष नीति एक मिथक है।
बहादुरगंज सीट का चुनावी इतिहास
2020 के चुनाव में, बहादुरगंज सीट से AIMIM के मो. अंजार नईमी ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 10 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। मुस्लिम उम्मीदवारों ने यहां 15 बार जीत हासिल की है, जबकि हिंदू उम्मीदवारों को केवल तीन बार सफलता मिली है।