व्हाट्सएप डेटा लीक: 3.5 अरब यूजर्स के फोन नंबरों का खतरा
व्हाट्सएप प्राइवेसी संकट
यदि आप व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं, तो यह आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी है। हाल ही में यह दावा किया गया है कि व्हाट्सएप के 350 करोड़ फोन नंबर लीक हो गए हैं। यह घटना मेटा की गलती के कारण हुई बताई जा रही है। एक नए अध्ययन में यह सामने आया है कि प्लेटफॉर्म में एक गंभीर सुरक्षा खामी के चलते लगभग 3.5 अरब यूजर्स के फोन नंबर उजागर हो गए हैं। हालांकि, कंपनी का कहना है कि यूजर डेटा सुरक्षित है और किसी प्रकार का दुरुपयोग नहीं हुआ है।
व्हाट्सएप की खामी का पता कैसे चला
यूनिवर्सिटी ऑफ वियना के सुरक्षा शोधकर्ताओं ने यह पाया कि व्हाट्सएप की कॉन्टैक्ट चेक सुविधा का ऑटोमेटेड तरीके से बार-बार उपयोग करके अरबों फोन नंबर निकाले जा सकते थे। Wired की रिपोर्ट के अनुसार, जब किसी नंबर को व्हाट्सएप पर खोजा जाता है, तो यह पता चल जाता है कि वह यूजर प्लेटफॉर्म पर है या नहीं, और कभी-कभी प्रोफाइल फोटो और नाम भी दिखाई देते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस प्रक्रिया को करोड़ों बार दोहराने पर लगभग हर व्हाट्सएप यूजर का नंबर प्राप्त किया जा सकता था। उन्होंने केवल 30 मिनट में 30 मिलियन अमेरिकी नंबर इकट्ठा कर लिए, जिससे खतरे की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने पूरा डेटा डिलीट कर दिया और मेटा को सूचित किया।
डेटा लीक का संभावित खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि यह खामी गलत हाथों में पड़ती, तो यह दुनिया का सबसे बड़ा डेटा लीक बन सकता था। व्हाट्सएप की लोकप्रियता इसी पर निर्भर करती है कि जब किसी का नंबर सेव किया जाता है, तो प्लेटफॉर्म उसे पहचान लेता है। Wired के अनुसार, इस फीचर का अरबों बार उपयोग करके किसी भी व्यक्ति का फोन नंबर और प्रोफाइल डेटा स्क्रैप किया जा सकता था। हालांकि, शोधकर्ताओं ने जिम्मेदारी दिखाई और डेटा को सार्वजनिक नहीं किया, बल्कि मेटा को तुरंत सूचित किया। यह दर्शाता है कि यूजर्स की प्राइवेसी कितनी जल्दी खतरे में पड़ सकती है।
मेटा की प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय
मेटा के प्रवक्ता ने 9To5Mac को बताया कि वे शोधकर्ताओं की सतर्कता और Bug Bounty प्रोग्राम में उनकी भागीदारी के लिए आभारी हैं। कंपनी ने स्वीकार किया कि यह एक नई एन्यूमरेशन तकनीक थी, जिसने सुरक्षा सीमाओं को पार कर लिया और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी को स्क्रैप करने की अनुमति दी। मेटा ने यह भी कहा कि उनके नए एंटी-स्क्रैपिंग सिस्टम तुरंत प्रभावी हुए और किसी भी दुर्भावनापूर्ण गतिविधि का कोई सबूत नहीं मिला। इसके अलावा, कंपनी ने यह भी बताया कि व्हाट्सएप के एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के कारण संदेश पूरी तरह सुरक्षित रहे और कोई गैर-पब्लिक डेटा एक्सेस नहीं हुआ।