वैश्विक अशांति के बीच आत्मनिर्भरता की आवश्यकता: एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक सम्मेलन में वैश्विक अशांति और अनिश्चितता के दौर में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी, संघर्षों और व्यापार में बदलावों के बीच, भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संजोना आवश्यक है। जयशंकर ने भारतीय पर्यटन के महत्व को भी रेखांकित किया, जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास और रोजगार सृजन शामिल है। जानें उनके विचार और इस संदर्भ में क्या कहा गया।
Aug 14, 2025, 11:02 IST
वैश्विक चुनौतियों का सामना
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि वर्तमान में दुनिया एक अस्थिरता और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है, जिसमें कोविड-19 महामारी, विभिन्न संघर्षों और व्यापार में बड़े बदलाव शामिल हैं। उन्होंने इस स्थिति से निपटने के लिए आत्मनिर्भरता की मानसिकता को आवश्यक बताया।
जयशंकर ने एक सम्मेलन में अपने भाषण में कहा, 'वैश्वीकरण और शहरीकरण के इस युग में, परंपराएं अक्सर समय के साथ खो जाती हैं, लेकिन हमने इन्हें संजोकर भारतीय पर्यटन को और भी आकर्षक बना दिया है।' उन्होंने कार्यक्रम के विषय 'अजेय भारत की भावना' की ओर इशारा करते हुए कहा, 'हम एक सभ्यतागत राष्ट्र हैं, जिसने अपनी संस्कृति, परंपराओं और विरासत को समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए संजोकर रखा है।'
विदेश मंत्री ने आगे कहा, 'हमारी असली ताकत हमारे लोग हैं। उनका आत्मविश्वास ही हमारी पहचान है। हमने विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त की है और प्रगति की यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया है।' इस कार्यक्रम का आयोजन 'फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी' द्वारा किया गया था। उन्होंने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि हम निश्चित रूप से एक उथल-पुथल भरे दौर में रह रहे हैं, जिसमें कोविड महामारी, कई संघर्ष और व्यापार में बड़े बदलाव शामिल हैं।'
मंत्री ने यह भी कहा कि मजबूत घरेलू मांग वाले देशों ने बेहतर प्रदर्शन किया है और यह जारी रहेगा। उन्होंने कहा, 'ऐसे समय में मजबूत पर्यटन क्षेत्र का महत्व कम नहीं आंका जा सकता। इसमें बुनियादी ढांचे का विकास, उद्यमिता, रचनात्मकता, कौशल वृद्धि और रोजगार सृजन जैसी कई संभावनाएं शामिल हैं।' जयशंकर ने यह भी बताया कि कुछ गतिविधियां अर्थव्यवस्था को ऊर्जा प्रदान करने और रोजगार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।