वेदांता की बोली के बावजूद अडानी ने जीती नीलामी, जानें पूरा मामला
अडानी ग्रुप की जीत के पीछे की कहानी
गौतम अडानी और अनिल अग्रवाल
किसी ने जब किसी चीज के लिए सबसे अधिक बोली लगाई हो और फिर भी उसे वह चीज न मिले, यह एक असामान्य स्थिति है। वेदांता ग्रुप के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के लिए वेदांता की बोली सबसे ऊंची थी, लेकिन अडानी ग्रुप ने उन्हें पीछे छोड़ दिया। अडानी ग्रुप की बोली वेदांता से कम थी, फिर भी लेनदारों ने अडानी एंटरप्राइजेज के पक्ष में मतदान किया। इस कारण वेदांता ग्रुप की झोली 'जल' से खाली रह गई। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी।
अडानी को वोट देने का कारण
सूत्रों के अनुसार, सितंबर में एक इलेक्ट्रॉनिक नीलामी में वेदांता ने 17,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, लेकिन लेनदारों ने अडानी एंटरप्राइजेज को इसलिए चुना क्योंकि उन्होंने अधिक अग्रिम भुगतान का प्रस्ताव दिया। अडानी की बोली का शुद्ध वर्तमान मूल्य वेदांता की तुलना में लगभग 500 करोड़ रुपये कम था। हालांकि, अडानी की कुल बोली की जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। मतदान मंगलवार रात 9 बजे समाप्त हुआ।
55,000 करोड़ का बकाया
लेनदारों की समिति द्वारा तैयार की गई स्कोर शीट में अडानी एंटरप्राइजेज को सबसे अधिक अंक मिले थे। हालांकि, कुछ लेंडर्स ने इस स्कोरिंग सिस्टम को चुनौती दी है। जयप्रकाश एसोसिएट्स पर लेनदारों का 55,000 करोड़ रुपये बकाया है। कंपनी को पिछले साल जून में दिवालियेपन की कार्यवाही के लिए स्वीकार किया गया था। इसका प्रबंधन डेलॉइट समर्थित समाधान पेशेवर भुवन मदान द्वारा किया जा रहा है। एक सूत्र ने बताया कि अडानी एंटरप्राइजेज को वोट देने के लेंडर्स के फैसले की कानूनी जांच हो सकती है।
मनोज गौड़ का 18,000 करोड़ का प्रस्ताव
इस प्रक्रिया में कुल 5 कंपनियों ने समाधान योजनाएं पेश की थीं। अडानी और वेदांता के अलावा, डालमिया भारत, जिंदल पावर और पीएनसी इंफ्राटेक भी शामिल थीं। डालमिया भारत ने शुरुआत में सबसे ऊंची बोली लगाई थी, लेकिन उसकी पेशकश सशर्त थी। इस महीने की शुरुआत में, मनोज गौड़ के नेतृत्व में जेएएल के प्रमोटर्स ने लेनदारों को 18,000 करोड़ रुपये के समझौते की पेशकश की थी। हालांकि, लेनदारों का मानना था कि गौड़ अपनी पेशकश के लिए वित्तीय समर्थन का पर्याप्त प्रमाण नहीं दे सके। जयप्रकाश एसोसिएट्स का पोर्टफोलियो सीमेंट, बिजली, इंजीनियरिंग और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है।