वृंदावन में कॉरिडोर निर्माण पर प्रेमानंद महाराज का विरोध
वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन उनके गुरु मोहित मराल गोस्वामी ने कॉरिडोर निर्माण के खिलाफ कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इसे धार्मिक स्थल की आध्यात्मिकता को नष्ट करने का प्रयास बताया है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और भक्तों की समस्याएं।
Jun 10, 2025, 16:49 IST
प्रेमानंद महाराज की बढ़ती लोकप्रियता
सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज की चर्चा जोरों पर है। वे अपनी शिक्षाओं के माध्यम से लोगों को ज्ञान प्रदान करते हैं और इस समय उनकी बातें लोगों के दिलों को छू रही हैं। वृंदावन के केली कुंज में निवास करने वाले प्रेमानंद जी महाराज के गुरु ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने उन्हें सुर्खियों में ला दिया है।
बांके बिहारी मंदिर का विवाद
वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के कॉरिडोर निर्माण को लेकर विवाद गहरा गया है। गोस्वामी समाज, जो मंदिर में पूजा करता है, इस निर्माण के खिलाफ खड़ा हो गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार इस परियोजना को पूरा करने के लिए प्रयासरत है।
मोहित मराल गोस्वामी का विरोध
कॉरिडोर निर्माण पर प्रेमानंद महाराज के गुरु और राधा बल्लभ मंदिर के तिलकायत सेवायत मोहित मराल गोस्वामी ने भी अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने इस निर्माण का कड़ा विरोध करते हुए इसे वेश्याओं से जोड़कर देखा है।
वृंदावन की आवश्यकताएं
मोहित मराल गोस्वामी ने कहा कि कॉरिडोर का निर्माण श्रीकृष्ण की नगरी की आध्यात्मिकता को नष्ट करने का प्रयास है, जिसका वे विरोध करेंगे। उनका मानना है कि वृंदावन को कॉरिडोर की नहीं, बल्कि मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता है।
भक्तों की समस्याएं
बांके बिहारी मंदिर में आने वाले भक्तों को संकरी गलियों से गुजरना पड़ता है, जहां भारी भीड़ होती है। भक्त देश-विदेश से यहां दर्शन के लिए आते हैं और घंटों इंतजार करते हैं। सरकार का कहना है कि यह निर्माण भक्तों की समस्याओं को हल करने के लिए किया जा रहा है।
परंपरा का संरक्षण
उन्होंने यह भी कहा कि कुंज बिहारी श्रीहरि दास को कुंज कॉरिडोर नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों में इन गलियों का उल्लेख है। कॉरिडोर के नाम पर इनकी पहचान को मिटाया जा रहा है। वृंदावन में नगर निगम की व्यवस्थाएं भी संतोषजनक नहीं हैं। नाले, बिजली और यमुना की सफाई के वादे केवल खोखले हैं। ब्रज का सौंदर्यीकरण नहीं किया जा रहा है और कॉरिडोर का निर्माण परंपरा को नुकसान पहुंचाएगा। यह क्षेत्र धार्मिक है, न कि पर्यटन स्थल।