वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव पुरस्कार 2025 का आयोजन नई दिल्ली में
10 दिसंबर को नई दिल्ली में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव पुरस्कार 2025 का आयोजन होने जा रहा है। यह कार्यक्रम नीति निर्माताओं, सामाजिक नेताओं और विद्वानों को एकत्रित करेगा, जो समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को मान्यता देगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समारोह का उद्घाटन करेंगे, जिसमें कई प्रमुख अतिथि भी शामिल होंगे। यह पुरस्कार वीर सावरकर की विरासत को सम्मानित करते हैं और सामुदायिक सशक्तिकरण तथा सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं।
Dec 6, 2025, 17:29 IST
वीर सावरकर पुरस्कार समारोह की तैयारी
नई दिल्ली, 10 दिसंबर को वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव पुरस्कार 2025 का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम हाई रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (HRDS) द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जो नीति निर्माताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्वानों और नागरिक समाज के सदस्यों को एकत्रित करेगा। इस शाम का उद्देश्य समाज में परिवर्तनकारी योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देना है। समारोह एनडीएमसी कन्वेंशन हॉल में होगा, जहां उन लोगों के कार्यों को उजागर किया जाएगा जिन्होंने राष्ट्रीय विकास, सामाजिक सुधार और मानवीय कार्यों में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, सार्वजनिक जीवन, प्रशासन, शिक्षा और विकास क्षेत्र से कई अन्य अतिथि भी शामिल होंगे। ये पुरस्कार वीर सावरकर की विरासत पर आधारित हैं, जिनका भारत के राजनीतिक और सामाजिक चिंतन पर गहरा प्रभाव है।
यह समारोह उन समकालीन परिवर्तन-निर्माताओं को मान्यता देने का प्रयास करेगा जो सामुदायिक सशक्तिकरण, समावेशी विकास और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को आगे बढ़ाते हैं। आयोजक संस्था, एचआरडीएस इंडिया, ने आदिवासी और ग्रामीण समुदायों के साथ अपने कार्यों के लिए एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाई है। यह एक गैर-सरकारी संगठन है, जो वंचित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आजीविका के अवसरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इसके प्रयासों का दायरा केरल, तमिलनाडु, गुजरात, त्रिपुरा, असम और झारखंड जैसे राज्यों के दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जहां निरंतर प्रयासों से स्कूल नामांकन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, कौशल विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी में सुधार हुआ है।