वीएचपी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की निंदा की
वीएचपी का विरोध प्रदर्शन
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सोमवार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भारत की संप्रभुता को चुनौती दे रहे हैं। वीएचपी ने यह भी कहा कि भारत की संप्रभुता, धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सद्भाव के सिद्धांतों को चुनौती देने वालों को सख्त जवाब दिया जाना चाहिए। इसी संदर्भ में, वीएचपी 23 और 24 दिसंबर को देश के हर जिले में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बना रही है।
दीपू चंद्र दास की हत्या पर प्रतिक्रिया
कुमार ने मयमनसिंह में युवा हिंदू दीपू चंद्र दास की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि रिपोर्टों में यह बताया गया है कि दीपू ने केवल यह कहा था कि सभी धर्म समान हैं। यदि इसे ईशनिंदा माना जाता है, तो यह भारत की धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सद्भाव के सिद्धांत के लिए एक गंभीर चुनौती है। बाद में यह स्पष्ट किया गया कि दीपू ने कोई भी ईशनिंदा वाला बयान नहीं दिया था। ऐसे में उनकी हत्या का कारण क्या था? बांग्लादेश को इस पर जवाब देना होगा।
शरीफ उस्मान हादी की हत्या पर सवाल
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने राजनीतिक नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के संदर्भ में भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि क्या मुख्य सलाहकार यूनुस इस हत्या के बारे में सहमत हैं। हादी की अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद, उन्होंने ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा दिखाया, जिसमें पूर्वोत्तर भारत भी शामिल था। क्या मोहम्मद यूनुस इस विचार का समर्थन करते हैं? एक राष्ट्र प्रमुख के रूप में, वे भारत की संप्रभुता को चुनौती दे रहे हैं, और इसका उचित उत्तर दिया जाना चाहिए।