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विशाखापत्तनम में बाइक खरीदने की जिद ने ली युवक की जान

विशाखापत्तनम में एक युवक की बाइक खरीदने की जिद ने उसकी जान ले ली। 19 वर्षीय हरीश ने अपने माता-पिता पर बाइक खरीदने का दबाव डाला, जिसके बाद उन्होंने कर्ज लेकर उसे बाइक दिलाई। लेकिन दो दिन बाद ही एक सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। यह घटना न केवल परिवार के लिए एक बड़ा सदमा है, बल्कि यह समाज में बच्चों की इच्छाओं और माता-पिता की चिंताओं के बीच के संघर्ष को भी उजागर करती है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और इसके पीछे की कहानी।
 

सड़क दुर्घटना में युवक की मौत

सड़क हादसे में युवक की मौत.

क्या होगा जब आपकी सबसे प्रिय चीज आपके लिए खतरा बन जाए? ऐसा ही एक दुखद मामला आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से सामने आया है। यहां एक युवक ने हाल ही में तीन लाख रुपये की बाइक खरीदी थी, लेकिन यह बाइक उसकी जान ले ली। युवक टिफिन लेकर लौट रहा था, तभी उसकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बाइक की मांग ने बढ़ाई मुश्किलें

युवक का नाम हरीश (19) था, जिसने हाल ही में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। वह अपने परिवार का इकलौता बेटा था और उसके माता-पिता ने उसे बहुत प्यार दिया। परीक्षा के बाद, हरीश ने अपने माता-पिता पर बाइक खरीदने का दबाव डाला। उसने कहा कि अगर उसे बाइक नहीं मिली, तो वह आत्महत्या कर लेगा। इस धमकी से उसके माता-पिता चिंतित हो गए। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, फिर भी हरीश ने अपनी जिद नहीं छोड़ी।

पिता ने लिया कर्ज

हरीश महारानीपेट का निवासी था। उसके पिता श्रीनिवास एक ऑटो चालक थे और परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। हरीश के सभी दोस्तों के पास बाइक थी, जिससे वह भी नई बाइक चाहता था। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, पिता ने तीन लाख रुपये उधार लेकर दशहरे के दिन हरीश के लिए बाइक खरीदी।

नई बाइक देखकर हरीश बहुत खुश हुआ और उसने अपने दोस्तों को दिखाया, लेकिन यह खुशी केवल दो दिन तक ही रही। बाइक खरीदने के बाद, एक सड़क दुर्घटना में उसकी जान चली गई।

दुर्घटना का विवरण

हरीश सुबह अपने दोस्त के साथ द्वारकानगर से टिफिन लेकर लौट रहा था। तभी उसकी बाइक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। परिवार के लोग जब घटना की सूचना पर पहुंचे, तो वे फूट-फूट कर रो पड़े।

माता-पिता ने कहा कि उनका बेटा अभी बहुत छोटा था। उन्होंने उसे समझाया कि अभी बाइक मत लो, लेकिन उसने जिद की। इसी जिद के कारण उन्होंने उसे बाइक खरीद दी, जो अब उसकी मौत का कारण बन गई।