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विधवा बहू का अनोखा बयान: गर्भवती होने का दावा और समाज में हंगामा

एक विधवा बहू ने अपने गर्भवती होने का दावा किया, जिससे परिवार और समाज में हंगामा मच गया। पंचायत ने इस मामले की जांच की, जिसमें बहू ने अपने दावे के पीछे धार्मिक ग्रंथों के उदाहरण दिए। उसने अंत में स्पष्ट किया कि वह वास्तव में गर्भवती नहीं है, बल्कि समाज को अंधविश्वास से मुक्त करने के लिए यह सब किया। जानें इस अनोखे मामले की पूरी कहानी।
 

विधवा बहू का चौंकाने वाला खुलासा


एक विधवा बहू ने अपने परिवार को यह बताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया कि वह तीन महीने की गर्भवती है।


इस घोषणा के बाद परिवार में हलचल मच गई।


स्थानीय पंचायत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और बहू से बच्चे के पिता का नाम पूछने का निर्णय लिया।


उसने पंचायत में कहा कि, 'तीन महीने पहले मैं प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने गई थी। स्नान के दौरान मैंने गंगा का आह्वान करते हुए तीन बार गंगा जल पिया था।'


उसने आगे कहा, 'शायद उसी समय किसी ऋषि या महापुरुष का वीर्य गंगा में गिर गया और मैंने उसे पी लिया, जिससे मैं गर्भवती हो गई।'


सरपंच ने इस दावे को असंभव बताते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता।


इस पर बहू ने उत्तर दिया, 'हमारे धार्मिक ग्रंथों में ऐसे उदाहरण हैं, जैसे विभंडक ऋषि के वीर्य से श्रृंगी ऋषि का जन्म हुआ।'


उसने हनुमान जी के पसीने से मकरध्वज के जन्म, कुंती के सूर्य के आशीर्वाद से गर्भवती होने और अन्य कई उदाहरणों का उल्लेख किया।


उसने कहा, 'अगर ये सब संभव है, तो मेरी बात असंभव क्यों होगी?'


फिर उसने स्पष्ट किया कि वह वास्तव में गर्भवती नहीं है और यह सब उसने समाज को जागरूक करने के लिए किया।


उसने कहा, 'हमारे समाज को वैज्ञानिक और तार्किक सोच की आवश्यकता है, अंधविश्वास और पाखंड से मुक्त होना चाहिए।'