विदेशी निवेशकों का हिताची एनर्जी इंडिया पर भरोसा, शेयर में बढ़ी हिस्सेदारी
हिताची एनर्जी इंडिया: विदेशी निवेशकों का नया पसंदीदा
हिताची एनर्जी इंडिया
भारतीय शेयर बाजार में ऊर्जा क्षेत्र हाल के समय में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। कमजोर बुनियादी ढांचे और नीतिगत अस्थिरता के कारण निवेशकों का मनोबल प्रभावित हुआ है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, निफ्टी एनर्जी इंडेक्स में पिछले एक वर्ष में गिरावट आई है। लेकिन इस मंदी के बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने एक ऐसी कंपनी पर भरोसा जताया है, जो कम चर्चा में रही है। यह कंपनी है हिताची एनर्जी इंडिया।
गिरते बाजार में विदेशी निवेशकों की सक्रियता
बाजार में यह आम धारणा है कि जब छोटे निवेशक बेचने में डरते हैं, तब बड़े निवेशक खरीदने के अवसर तलाशते हैं। हिताची एनर्जी इंडिया के मामले में भी ऐसा ही हुआ। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में जब इस शेयर की कीमत में गिरावट आई, तब FIIs ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का निर्णय लिया।
विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी में 2.48 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे उनकी कुल होल्डिंग अब 9.7% हो गई है। एक साल पहले यह आंकड़ा केवल 5.1% था। तिमाही की शुरुआत में जब शेयर का मूल्य 20,000 रुपये से घटकर 18,000 रुपये के आसपास आया, तब विदेशी निवेशकों ने इसे खरीदने का सुनहरा मौका समझा।
कंपनी का अनोखा बिजनेस मॉडल
हिताची एनर्जी इंडिया का ध्यान केवल बिजली उत्पादन पर नहीं, बल्कि उसे सही तरीके से वितरण और प्रबंधन पर है। भारत में बिजली वितरण और ग्रिड में रुकावटें एक बड़ी समस्या हैं। यह कंपनी डिस्कॉम्स को उच्च वोल्टेज तकनीक और डिजिटल समाधान प्रदान करती है।
ग्रिड ऑटोमेशन और ऊर्जा भंडारण जैसे भविष्य के क्षेत्रों में कंपनी की पकड़ मजबूत मानी जाती है। यही कारण है कि पारंपरिक पावर कंपनियों के शेयरों में दबाव होने के बावजूद, इस कंपनी का अनोखा बिजनेस मॉडल इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है।
मुनाफे में अभूतपूर्व वृद्धि
हालिया तिमाही के नतीजों में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 406% की वृद्धि के साथ 264 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। बिक्री में भी लगभग 18% की वृद्धि हुई है।
कंपनी का नाम केवल घरेलू बाजार में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गूंज रहा है। हिताची एनर्जी इंडिया के निर्यात आदेशों में सालाना आधार पर 59% की वृद्धि हुई है। कंपनी को यूरोप, मध्य पूर्व और उत्तरी अमेरिका जैसे बड़े बाजारों से काम मिल रहा है। इसके अलावा, भारत में BHEL के साथ मिलकर राजस्थान से उत्तर प्रदेश तक 950 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन बिछाने का एक बड़ा प्रोजेक्ट कंपनी की ऑर्डर बुक को और मजबूत बनाता है। यह परियोजना भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.