विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार में फिर से विश्वास, एक हफ्ते में निवेश ₹1,751 करोड़
भारतीय बाजारों में विदेशी निवेश का नया दौर
भारतीय बाजारों में कुल ₹1,751 करोड़ का निवेश आया है.
कई हफ्तों की निरंतर बिकवाली के बाद, विदेशी निवेशक इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजारों में फिर से सक्रिय हो गए हैं। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, 6 से 10 अक्टूबर के बीच विदेशी निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजारों में ₹1,751 करोड़ का निवेश किया है।
हालांकि पिछले कुछ महीनों में लगातार बिकवाली के बावजूद, घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) ने बाजार को सहारा दिया और विदेशी बिकवाली को संतुलित किया, जिससे बाजार में स्थिरता बनी रही।
ट्रेडिंग में बदलाव का संकेत
रिलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने बताया कि 6 से 10 अक्टूबर के दौरान विदेशी निवेशकों ने अपने ट्रेडिंग व्यवहार में महत्वपूर्ण बदलाव दिखाया। पहले दो दिनों में उन्होंने भारी बिकवाली की, जिसमें 6 अक्टूबर को ₹1,584.48 करोड़ और 7 अक्टूबर को ₹1,471.74 करोड़ की बिक्री हुई। लेकिन अगले तीन दिनों में उन्होंने तेजी से खरीदारी की, जिसमें 8 अक्टूबर को ₹1,663.65 करोड़, 9 अक्टूबर को ₹737.82 करोड़ और 10 अक्टूबर को ₹2,406.54 करोड़ का निवेश किया। इस प्रकार पूरे हफ्ते में कुल ₹1,751.79 करोड़ का निवेश हुआ।
भारतीय बाजार की मजबूती की संभावना
अजीत मिश्रा ने आगे कहा कि यह बदलाव विदेशी निवेशकों के भारतीय शेयर बाजारों के प्रति बदलते दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो वैश्विक स्थिरता और घरेलू मजबूती के कारण संभव हुआ है। यदि विदेशी निवेशकों का यह प्रवाह जारी रहा, तो यह बाजार की दिशा को और मजबूत करेगा, बशर्ते वैश्विक जोखिम लेने की प्रवृत्ति बनी रहे और कंपनियों की कमाई में सुधार होता रहे।
निकासी में कमी का संकेत
NSDL के आंकड़ों के अनुसार, इस हफ्ते के सकारात्मक निवेश के बाद, अक्टूबर में अब तक भारतीय बाजारों से एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) की शुद्ध निकासी घटकर ₹2,091 करोड़ रह गई है। सितंबर में एफपीआई ने ₹23,885 करोड़ की भारी निकासी की थी। इस साल अब तक विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से कुल ₹1,56,611 करोड़ निकाल चुके हैं। हाल की खरीदारी यह दर्शाती है कि विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजारों में विश्वास फिर से लौट रहा है। हालांकि, इस सकारात्मक प्रवृत्ति की स्थिरता आगे आने वाले निवेश प्रवाह, कंपनियों की मजबूत कमाई और वैश्विक परिस्थितियों पर निर्भर करेगी।
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बिकवाली का सिलसिला
विदेशी निवेशकों ने पिछले कुछ महीनों में लगातार बिकवाली की है, जिसका कारण ट्रंप की टैरिफ नीतियां, भारतीय कंपनियों के ऊंचे वैल्यूएशन और वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता रही है। NSDL के डेटा से यह भी पता चला है कि 2025 में अब तक केवल अप्रैल, मई और जून को छोड़कर बाकी सभी महीनों में विदेशी निवेशकों ने शुद्ध बिकवाली की है, जिसमें जनवरी में सबसे ज्यादा ₹78,027 करोड़ की निकासी हुई थी।