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विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय संस्कृति की कूटनीतिक महत्ता पर प्रकाश डाला

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पुणे पुस्तक महोत्सव में भारतीय संस्कृति और कूटनीति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भगवान कृष्ण और हनुमान को महान राजनयिक बताया और रामायण तथा महाभारत में छिपे कूटनीतिक सबक पर चर्चा की। जयशंकर ने वैश्विक राजनीति के संदर्भ में भारत के राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने की बात की और भारतीय प्रतिभाओं के वैश्विक ब्रांड बनने की ओर भी इशारा किया।
 

भारतीय संस्कृति और कूटनीति का महत्व

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीय संस्कृति और ग्रंथों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे इतिहास में रणनीति और कूटनीति के अद्वितीय उदाहरण विद्यमान हैं। पुणे पुस्तक महोत्सव में उन्होंने भगवान कृष्ण और भगवान हनुमान को 'महान राजनयिक' के रूप में प्रस्तुत किया।




जयशंकर ने यह भी कहा कि रामायण और महाभारत केवल पारिवारिक या शक्ति संघर्ष की कहानियां नहीं हैं, बल्कि इनमें गहरी कूटनीतिक और 'गेम प्लान' की सीखें छिपी हुई हैं।




हनुमान जी का कूटनीतिक उदाहरण

हनुमान जी का दिया उदाहरण


उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भगवान हनुमान ने लंका जाकर न केवल महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा की, बल्कि रावण को मनोवैज्ञानिक रूप से पराजित किया और माता सीता का हौसला बढ़ाया। यह एक सफल कूटनीतिज्ञ का उत्कृष्ट उदाहरण है।




वैश्विक राजनीति और भारत का दृष्टिकोण

आज की वैश्विक राजनीति को उन्होंने 'गठबंधन का युग' बताया। उन्होंने कहा कि भारत के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है और हम उन देशों के साथ सहयोग करते हैं जो भारत की प्रगति में योगदान देते हैं।


 


ग्लोबल ब्रांड इंडिया

ग्लोबल ब्रांड इंडिया


'ब्रेन ड्रेन' पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारतीयों का एक 'ग्लोबल ब्रांड' बन चुका है। यूरोप और रूस जैसे देश भारतीय प्रतिभाओं का स्वागत कर रहे हैं।