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विदिशा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन: एकता और अखंडता का संदेश

विदिशा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शालेय विद्यार्थी इकाई ने एक भव्य पथ संचलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 3 से 18 वर्ष के स्वयंसेवकों ने भाग लिया और अनुशासन के साथ कदमताल की। मुख्य वक्ता ने भारत के गौरवमयी इतिहास और संघ के शताब्दी वर्ष के पंच परिवर्तन पर चर्चा की। कार्यक्रम में एकता और अखंडता बनाए रखने का आह्वान किया गया। जानें इस विशेष आयोजन की और भी महत्वपूर्ण बातें।
 

विदिशा में पथ संचलन का आयोजन


रविवार को विदिशा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शालेय विद्यार्थी इकाई ने पथ संचलन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम सरस्वती शिशु मंदिर, तलैया से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए वापस तलैया विद्यालय में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत शस्त्र पूजन के साथ हुई, जिसमें भारत माता, संघ के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार जी और गुरु जी के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।


एकता और अखंडता का संदेश

एकता और अखंडता बनाए रखने का आह्वान


इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विनीत अग्रवाल, नगर संघ चालक, विदिशा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर अरविंद (सेंटमेरी पीजी कॉलेज) और मुख्य वक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, प्रांत सह प्रचार प्रमुख, मध्य भारत प्रांत उपस्थित रहे। अखिलेश श्रीवास्तव ने अपने भाषण में भारत के गौरवमयी इतिहास पर प्रकाश डाला और संघ के शताब्दी वर्ष के लिए घोषित पंच परिवर्तन जैसे कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य, स्वयं का बोध और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने समाज में एकता और अखंडता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।


स्वयंसेवकों की अनुशासित परेड

3 से 18 साल तक के स्वयंसेवकों की शानदार कमदचाल


उन्होंने कहा कि व्यक्ति निर्माण की शाखाएं समाज की फैक्ट्री हैं, इसलिए सभी को शाखा में शामिल होना चाहिए। इस शालेय पथ संचलन में 3 से 18 वर्ष के बालक और शिशु स्वयंसेवकों ने भाग लिया। सभी स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में अनुशासन के साथ कदमताल करते हुए निकले। मार्ग में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर संचलन का स्वागत किया गया। इस संबंध में नगर प्रचार प्रमुख प्रदीप रघुवंशी और राजू मालवीय ने जानकारी साझा की।