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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्री-बजट मीटिंग में उद्योगों की उम्मीदें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में दिल्ली में प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ प्री-बजट कंसलटेशन मीटिंग की। इस बैठक में PHDCCI ने कई महत्वपूर्ण सिफारिशें पेश कीं, जिनमें पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में कटौती और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए उपाय शामिल हैं। चैंबर ने टैक्स सुधारों के माध्यम से मध्यवर्ग को राहत देने और निवेश को आकर्षित करने की बात की है। जानें इस मीटिंग में क्या-क्या चर्चा हुई और इससे आम जनता को क्या लाभ हो सकता है।
 

प्री-बजट कंसलटेशन मीटिंग का आयोजन

दिल्ली में हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ पहली प्री-बजट कंसलटेशन मीटिंग की। इस बैठक में उद्योगों और करदाताओं की सरकार से अपेक्षाएं प्रमुखता से सामने आईं। PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) ने वित्त मंत्रालय को बजट 2026-27 के लिए कई सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। इन सिफारिशों में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स सुधार शामिल हैं, जिसका उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना और देश को वैश्विक केंद्र बनाना है.


पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती का प्रस्ताव

PHDCCI ने करदाताओं की डिस्पोजेबल आय बढ़ाने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में कटौती का सुझाव दिया है। इसके अनुसार, 30 लाख रुपये तक की आय पर 20%, 50 लाख रुपये तक की आय पर 25% और इसके बाद 30% टैक्स लगाने की बात की गई है। इससे मध्यवर्ग पर कर का बोझ कम होगा। चैंबर ने फेसलेस अपील के लिए एक निश्चित समय सीमा, शेयर बायबैक पर कैपिटल गेन टैक्स, MSME भुगतान नियमों में छूट, और रिवाइज्ड रिटर्न की समय सीमा बढ़ाने जैसे सुधारों की मांग की है.


कैपिटल गेन टैक्स में छूट के सुझाव

PHDCCI ने सेस और सरचार्ज को एकल दर में मर्ज करने, पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदने पर कैपिटल गेन टैक्स में छूट, मर्जर-डिमर्जर में MAT क्रेडिट ट्रांसफर, और अनक्लेम्ड TDS क्रेडिट के लिए संशोधन प्रणाली जैसे सुझाव दिए हैं। चैंबर ने इनकम टैक्स के सेक्शन 115BAB को फिर से लागू करने की मांग की है, जो नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को 15% रियायती कॉर्पोरेट टैक्स प्रदान करता था।


GST में सुधार के सुझाव

इनडायरेक्ट टैक्स के संदर्भ में, PHDCCI ने CGST एक्ट के सेक्शन 11A में संशोधन की सिफारिश की है। इससे रेट्रोस्पेक्टिव छूट से पहले भरे गए टैक्स पर रिफंड मिल सकेगा, जिससे एक्साइज और कस्टम्स एक्ट के साथ समानता बनेगी। चैंबर का मानना है कि इन सुधारों के माध्यम से निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा।


वर्तमान इनकम टैक्स स्लैब

वर्तमान न्यू टैक्स व्यवस्था के तहत, चार लाख से आठ लाख रुपये तक की आय पर 5%, आठ से बारह लाख रुपये तक की आय पर 10%, बारह से सोलह लाख रुपये पर 15%, सोलह से बीस लाख रुपये तक की आय पर 20%, बीस से चौबीस लाख रुपये की आय पर 25%, और चौबीस लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% का इनकम टैक्स लगता है। लेकिन PHDCCI ने 30 लाख रुपये तक की आमदनी पर 20%, 50 लाख तक की आय पर 25%, और 50 लाख से अधिक पर 30% टैक्स लगाने का सुझाव दिया है.


संभावित लाभ

वर्तमान में, 24 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर 30% का इनकम टैक्स लगता है। PHDCCI ने मांग की है कि 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगाया जाए। यदि यह लागू किया जाता है, तो इस श्रेणी में आने वाले करदाताओं को 7 लाख रुपये से अधिक का लाभ होगा.