विटामिन बी-12: स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व
विटामिन बी-12 का महत्व
विटामिन बी-12 हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह रक्त कोशिकाओं के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है, साथ ही डीएनए के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी, तंत्रिका संबंधी समस्याएं और एनीमिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह विटामिन मुख्य रूप से मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। शाकाहारी लोगों को इसकी कमी से बचने के लिए सप्लीमेंट्स या बी12 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए.
विटामिन बी-12 की आवश्यकता
क्यों है विटामिन बी-12 जरूरी
उत्तराखंड के ऋषिकेश में कायाकल्प हर्बल क्लिनिक के डॉ. राजकुमार ने बताया कि विटामिन बी-12, जिसे कोबालामिन भी कहा जाता है, तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के सही कार्य के लिए आवश्यक है। यह विटामिन रेड ब्लड सेल्स के निर्माण, डीएनए संश्लेषण और ऊर्जा उत्पादन में भी महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से एनीमिया, तंत्रिका क्षति, स्मृति में कमी, थकान और मांसपेशियों में कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विशेष रूप से शाकाहारी और बुजुर्गों में इसकी कमी का खतरा अधिक होता है।
इसलिए, विटामिन बी-12 का नियमित सेवन स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है।
विटामिन बी-12 के स्रोत
ये हैं विटामिन बी-12 के स्रोत
डॉ. राजकुमार ने बताया कि विटामिन बी-12 की कमी से बचने के लिए शाकाहारी लोगों को फोर्टिफाइड अनाज, सोया उत्पाद और बी12 सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए। यदि शरीर में विटामिन बी-12 की कमी हो जाती है, तो इसे आहार के माध्यम से प्राप्त करना कठिन हो सकता है, इसलिए चिकित्सक की सलाह पर इंजेक्शन या अन्य पूरक आहार लेना पड़ सकता है।
इसके अलावा, मांस, बकरी और चिकन में विटामिन बी-12 की भरपूर मात्रा होती है। साल्मन, टूना, सार्डिन और ट्राउट जैसी मछलियाँ भी बी12 का अच्छा स्रोत हैं। अंडे की ज़र्दी और डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर और मक्खन में भी विटामिन बी-12 पाया जाता है। कुछ अनाज, सोया उत्पाद और पौधों से बने दूध (जैसे सोया या बादाम दूध) भी विटामिन बी-12 से फोर्टिफाइड होते हैं, जो विशेष रूप से शाकाहारियों के लिए फायदेमंद हैं.