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वास्तु शास्त्र के अनुसार अटैच बाथरूम और टॉयलेट के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

इस लेख में अटैच बाथरूम और टॉयलेट के वास्तु नियमों पर चर्चा की गई है। जानें कि कैसे सही दिशा में इनका निर्माण आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रख सकता है। साथ ही, कुछ सरल उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि गलत दिशा में बने बाथरूम और टॉयलेट से स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर क्या असर पड़ सकता है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

अटैच बाथरूम के लिए वास्तु शास्त्र


अटैच बाथरूम के वास्तु नियम: जब कोई घर बनवाता है, तो उसकी इच्छा होती है कि उसमें सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। इस संदर्भ में, वास्तु शास्त्र का महत्व अत्यधिक होता है। माना जाता है कि यदि घर के सभी हिस्से वास्तु के अनुसार बनाए जाएं, तो वहां रहने वाले लोगों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और कई समस्याओं से बचा जा सकता है। घर के हर हिस्से, जैसे रसोई, बेडरूम और बाथरूम, के लिए विशेष वास्तु नियम होते हैं। विशेष रूप से बाथरूम और टॉयलेट के लिए अलग-अलग दिशाओं और सुझावों का पालन करना आवश्यक है। कई लोग सुविधा के लिए इन दोनों को एक साथ बनाते हैं, लेकिन क्या यह सही है? आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी से।


क्या बाथरूम और टॉयलेट को एक साथ बनाना उचित है?
प्राचीन काल में, टॉयलेट को हमेशा घर से बाहर और दूर रखा जाता था, क्योंकि इसे नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता था। उस समय घर के अंदर टॉयलेट रखने की कल्पना भी नहीं की जाती थी। लेकिन समय के साथ जीवनशैली में बदलाव आया है और अब लगभग हर घर में बाथरूम और टॉयलेट होते हैं। फिर भी, वास्तु के अनुसार इन दोनों को अलग रखना अधिक उचित माना जाता है। इसका कारण यह है कि इनका उपयोग अलग-अलग उद्देश्यों के लिए होता है और इनसे निकलने वाली ऊर्जा भी भिन्न होती है।


गलत दिशा में बाथरूम और टॉयलेट के नुकसान
यदि बाथरूम या टॉयलेट गलत दिशा में बनाए गए हैं, तो यह घर की सकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकते हैं। इसका प्रभाव स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और पारिवारिक संबंधों पर पड़ता है।


1. गलत दिशा में बने टॉयलेट से परिवार के सदस्य बार-बार बीमार पड़ सकते हैं।
2. आर्थिक नुकसान या पैसों की तंगी बनी रह सकती है।
3. मानसिक तनाव और आपसी झगड़े भी बढ़ सकते हैं।


1. सबसे अच्छी दिशा उत्तर-पूर्व (North-East) या उत्तर-पश्चिम (North-West) मानी जाती है।
2. दक्षिण-पश्चिम (South-West) में बाथरूम या टॉयलेट बनाने से बचें।
3. यदि अटैच हैं, तो टॉयलेट को बाथरूम की फर्श से थोड़ा ऊंचा रखें।


अटैच बाथरूम-टॉयलेट के वास्तु उपाय
यदि आपके घर में बाथरूम और टॉयलेट एक साथ हैं, तो कुछ सरल उपायों को अपनाकर नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।


1. बाथरूम और टॉयलेट के बीच एक मोटा पर्दा या पार्टिशन लगाएं।
2. टॉयलेट को हमेशा साफ रखें और उसमें पानी जमा न होने दें।
3. दक्षिण-पश्चिम दिशा में दरवाजा हो तो उसे हमेशा बंद रखें।
4. बाथरूम में अच्छी रोशनी और वेंटिलेशन रखें, एग्जॉस्ट फैन जरूर लगाएं।
5. टॉयलेट सीट का ढक्कन हमेशा बंद रखें।