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वसई-विरार नगर निगम के पूर्व आयुक्त और बिल्डरों की गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय ने वसई-विरार नगर निगम के पूर्व आयुक्त अनिल पवार और दो बिल्डरों को अवैध इमारतों से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया है। इन इमारतों का निर्माण 'डंपिंग ग्राउंड' और अवजल शोधन संयंत्र के लिए आरक्षित भूमि पर किया गया था। गिरफ्तारी के बाद चारों को चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल भेजा गया है और उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
 

ईडी की कार्रवाई में गिरफ्तारियां

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को अवैध निर्माण से जुड़े धनशोधन के मामले में वसई-विरार नगर निगम के पूर्व आयुक्त अनिल पवार और दो बिल्डरों सहित तीन अन्य को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी दी।


एक अधिकारी ने बताया कि पवार को वसई-विरार में 41 अवैध इमारतों के निर्माण में उनकी संलिप्तता के कारण गिरफ्तार किया गया।


इन इमारतों को बाद में नगर निगम द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। ये इमारतें वसई के अचोले क्षेत्र में 'डंपिंग ग्राउंड' और अवजल शोधन संयंत्र के लिए आरक्षित भूमि पर बनाई गई थीं।


अधिकारी ने बताया कि पवार के अलावा, केंद्रीय एजेंसी ने एक नगर योजनाकार और दो बिल्डरों, सीताराम और अरुण गुप्ता को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद, उन्हें चिकित्सा जांच के लिए मध्य मुंबई के सरकारी जे.जे. अस्पताल ले जाया गया।


अधिकारी ने कहा कि चारों को बृहस्पतिवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा। ईडी ने पिछले महीने पवार से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें विरार में उनका बंगला और मुंबई तथा नासिक में स्थित आवास शामिल थे।