वंशलोचन: स्वास्थ्य के लिए अद्भुत औषधि के लाभ
वंशलोचन के फायदे
वंशलोचन एक महत्वपूर्ण औषधि है जो शरीर की धातुओं को मजबूत बनाती है। यह ठंडी होती है और प्यास को शांत करती है। इसके सेवन से खांसी, बलगम, बुखार, पित्त, रक्त विकार और सफेद दाग जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यह फोड़े-फुन्सियों और पीलिया जैसी बीमारियों को भी ठीक करता है। हृदय और आमाशय को मजबूत बनाने में सहायक है। इसके अलावा, यह पित्त से होने वाले खूनी दस्तों को भी नियंत्रित करता है। 10 ग्राम वंशलोचन, 10 ग्राम भूनी हुई फिटकरी और 10 ग्राम पिसी हुई मिश्री का चूर्ण खांसी के लिए अत्यंत लाभकारी होता है, विशेषकर छोटे बच्चों के लिए।
स्वभाव: यह शीतल होती है।
हानिकारक: वंशलोचन का अत्यधिक सेवन फेफड़ों के लिए हानिकारक हो सकता है।
विभिन्न रोगों में सहायक:
1. दमा: 20 ग्राम वंशलोचन और पीपल को मिलाकर 2 ग्राम की मात्रा में शहद में मिलाकर सुबह-शाम देने से दमा में राहत मिलती है।
2. दांत निकलना: बच्चों को वंशलोचन और शहद मिलाकर चटाने से दांत सुंदर निकलते हैं और दर्द में राहत मिलती है।
3. खांसी: वंशलोचन का उपयोग कई औषधियों में किया जाता है। सूखी खांसी के लिए आधा ग्राम वंशलोचन को शहद के साथ मिलाकर चाटने से लाभ होता है।
4. गर्भ की रक्षा: आधा ग्राम वंशलोचन का सेवन गर्भपात को रोकने में मदद करता है।
5. मुंह के छाले: वंशलोचन और शहद का मिश्रण मुंह के छालों में आराम देता है।
6. स्त्रियों का प्रदर रोग: 50 ग्राम वंशलोचन को 50 ग्राम चीनी के साथ मिलाकर सेवन करने से प्रदर रोग में लाभ होता है।
7. यकृत का बढ़ना: 1.5 ग्राम वंशलोचन का सेवन यकृत वृद्धि में मदद करता है।
8. हाथ-पैरों की जलन: 1 ग्राम वंशलोचन का सेवन जलन को कम करता है।
9. बालरोग: 120 मिलीग्राम वंशलोचन का सेवन खांसी में राहत देता है।