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लौकहा विधानसभा चुनाव परिणाम 2025: मतगणना की शुरुआत

बिहार के लौकहा विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों का इंतजार खत्म होने वाला है। मतगणना शुरू हो चुकी है और जल्द ही चुनावी रुझान सामने आएंगे। इस बार जेडीयू और आरजेडी के बीच मुख्य मुकाबला है। जानें पिछले चुनावों का इतिहास और इस बार के चुनावी परिदृश्य के बारे में। क्या एनडीए सरकार बनाएगी या महागठबंधन सत्ता में वापसी करेगा? सभी जानकारी के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

लौकहा विधानसभा चुनाव परिणाम 2025: लाइव अपडेट

बिहार में विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम चरण में है, और सभी की नजरें परिणामों पर टिकी हुई हैं। आज यह इंतजार समाप्त होने वाला है। चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही बिहार में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई थीं। अब मधुबनी जिले की लौकहा विधानसभा सीट पर मतगणना शुरू होने वाली है, और जल्द ही चुनावी रुझान सामने आने लगेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एनडीए सरकार बनाएगी या महागठबंधन सत्ता में वापसी करेगा।


लौकहा विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला

लौकहा विधानसभा सीट पर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने सतीश कुमार शाह को उम्मीदवार बनाया है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के भारत भूषण मंडल उनके सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। जन सुराज पार्टी की ओर से रेणू यादव भी चुनावी मैदान में हैं। इस सीट पर कुल 13 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई है। बिहार में 2 चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान हुआ, जिसमें मधुबनी जिले में 11 नवंबर को वोट डाले गए।


2020 के चुनावों का विश्लेषण

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में लौकहा सीट पर 15 उम्मीदवारों ने भाग लिया था। मुख्य मुकाबला आरजेडी के भारत भूषण मंडल और जेडीयू के लक्ष्मेश्वर राय के बीच हुआ। इस चुनाव में 64 प्रतिशत यानी 2,04,520 वोट पड़े, जिसमें नोटा के लिए 4,486 वोट डाले गए। भारत भूषण ने 10,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की, उन्हें 78,523 वोट मिले जबकि लक्ष्मेश्वर को 68,446 वोट मिले।


लौकहा सीट का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

लौकहा विधानसभा सीट पर 90 के दशक से पहले कांग्रेस, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने जीत हासिल की थी। 1990 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लाल बिहारी यादव ने चुनाव जीता। 1995 में भी यह सीट उनके पास रही। 2000 में समता पार्टी के हरी प्रसाद साह ने जीत दर्ज की। बीजेपी को यहां पर जीत नहीं मिल सकी।


फरवरी 2005 में राष्ट्रीय जनता दल के अनीस अहमद ने जीत हासिल की, लेकिन नवंबर 2005 में जेडीयू के हरी प्रसाद साह ने उन्हें हराया। 2010 में साह फिर से विधायक बने। 2015 में जेडीयू ने लक्ष्मेश्वर राय को मैदान में उतारा और जीत उनके खाते में आई। 2020 में आरजेडी के भारत भूषण मंडल ने लक्ष्मेश्वर राय को हराकर सीट पर कब्जा जमा लिया।


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