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लोलिता फिल्म की पुरानी कहानी फिर से चर्चा में, अमेरिका से आई तस्वीरों ने मचाया हंगामा

हाल ही में अमेरिका से आई कुछ तस्वीरों ने लोलिता फिल्म के विवाद को फिर से ताजा कर दिया है। इन तस्वीरों में लड़कियों के शरीर पर लिखी गई पंक्तियाँ व्लादिमीर नाबोकोव के विवादास्पद उपन्यास से संबंधित हैं। यह मामला 1997 की फिल्म लोलिता की कहानी को फिर से चर्चा में ला रहा है, जिसमें एक वृद्ध प्रोफेसर और उसकी सौतेली बेटी के बीच का विवादास्पद संबंध दर्शाया गया था। जानें इस कहानी के पीछे का सच और इसके प्रभाव।
 

लोलिता फिल्म विवाद: अमेरिका से आई तस्वीरों ने बढ़ाई चिंता

लीक तस्वीरों में दिखा ‘लोलिता’ पैटर्न, मचा बवालImage Credit source: सोशल मीडिया

Film Lolita Controversy: हाल ही में अमेरिका से कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें और खबरें सामने आई हैं, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है। ये तस्वीरें एक 28 साल पुरानी फिल्म और उसके विवादास्पद उपन्यास की याद दिला रही हैं। हम बात कर रहे हैं ‘लोलिता’ की, जिसकी कहानी अब वास्तविकता के पन्नों पर उभर रही है।

इन तस्वीरों में कुछ महिलाओं और युवा लड़कियों के शरीर पर स्याही से लिखी गई पंक्तियाँ दिखाई दे रही हैं। जब विशेषज्ञों और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने इन पंक्तियों की जांच की, तो पता चला कि ये शब्द व्लादिमीर नाबोकोव के विवादास्पद उपन्यास ‘लोलिता’ से हैं। तस्वीरों में लड़कियों के शरीर पर उपन्यास की वो शुरुआती पंक्तियाँ लिखी गई हैं, जो एक शिकारी की मानसिकता को दर्शाती हैं। इन तस्वीरों के प्रकाश में आने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या किसी प्रभावशाली गिरोह ने इस विवादित किताब को अपनी घिनौनी गतिविधियों का ‘मैनुअल’ बना लिया था?

फिल्म का इतिहास

हालांकि इस मामले की जांच अभी जारी है, लेकिन इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने इन तस्वीरों को 1997 की फिल्म ‘लोलिता’ से जोड़ना शुरू कर दिया है। लोग कह रहे हैं कि जो आज वास्तविकता में सामने आ रहा है, वैसा ही कुछ दशकों पहले फिल्म में चेतावनी के रूप में दिखाया गया था। ‘लोलिता’ वास्तव में व्लादिमीर नाबोकोव के प्रसिद्ध और विवादास्पद उपन्यास पर आधारित थी, जिसमें एक वृद्ध प्रोफेसर, हम्बर्ट हम्बर्ट, अपनी सौतेली बेटी (लोलिता) के प्रति आकर्षण महसूस करता है। इस फिल्म का निर्देशन एड्रियन लिन ने किया था, जिसमें जेरेमी आयरन और डोमिनिक स्वैन ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई थीं।

विवादों का इतिहास

जब 1997 में ‘लोलिता’ फिल्म रिलीज हुई थी, तब इसे कई देशों में प्रतिबंधित करने की मांग उठी थी। फिल्म का विषय इतना संवेदनशील था कि इसके वितरण में भी कई कठिनाइयाँ आई थीं। लेकिन अब, लगभग तीन दशक बाद, जब दुनिया एक नए प्रकार के खुलासे का सामना कर रही है, तो ‘लोलिता’ की कहानी फिर से चर्चा का विषय बन गई है।

उपन्यास का विवादित इतिहास

केवल फिल्म ही नहीं, ‘लोलिता’ उपन्यास का इतिहास भी विवादों से भरा रहा है। जब व्लादिमीर नाबोकोव ने इसे 1950 के दशक में लिखा, तो इसका विषय (एक छोटी बच्ची के प्रति अधेड़ व्यक्ति का आकर्षण) इतना आपत्तिजनक था कि इसे कई देशों में तुरंत प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसे ‘अश्लील’ और ‘समाज के लिए खतरा’ माना गया था। हालांकि, बाद में इसे साहित्य का हिस्सा मानकर प्रतिबंध हटा लिए गए, लेकिन इसकी कहानी हमेशा से ही चौंकाने वाली रही है।

आज ‘लोलिता’ की चर्चा का कारण

आज जब दुनिया भर में रईस और शक्तिशाली लोगों के निजी ठिकानों से जुड़ी तस्वीरें सामने आ रही हैं, तो लोग ‘लोलिता’ फिल्म के उन दृश्यों को याद कर रहे हैं, जहां मासूमियत का फायदा उठाया गया था। फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे एक प्रभावशाली व्यक्ति कानून और समाज की आंखों में धूल झोंककर एक बच्ची का मानसिक और शारीरिक शोषण करता है। हाल ही में वायरल हो रही ‘अमेरिकी तस्वीरों’ ने लोगों के मन में उसी पुरानी फिल्म की कहानी को ताजा कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सिनेमा अक्सर समाज का आईना होता है। 28 साल पहले जो एक ‘काल्पनिक कहानी’ लग रही थी, आज की घटनाएँ उसे वास्तविकता के करीब खड़ा कर रही हैं.