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लोकसभा में विपक्षी सांसदों को ओम बिरला की चेतावनी: सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुँचाने की अपील

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को चेतावनी दी है कि वे नारेबाजी के साथ-साथ सवाल भी उठाएं। उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का कोई अधिकार नहीं है। यदि ऐसा हुआ, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान बिहार में मतदाता सूची के मुद्दे पर हंगामा हुआ, जिसके कारण कार्यवाही स्थगित कर दी गई। जानें इस घटनाक्रम के बारे में और अधिक जानकारी।
 

ओम बिरला की सख्त चेतावनी

लोकसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा नारेबाजी के दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें चेतावनी दी कि वे जिस उत्साह से नारे लगाते हैं, उसी उत्साह से सवाल भी उठाएं। उन्होंने कहा कि इससे देश के नागरिकों को लाभ होगा। एक वीडियो में ओम बिरला सांसदों से कहते हुए सुनाई देते हैं कि यदि आप नारे लगाने की तीव्रता से सवाल पूछेंगे, तो यह देश के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता ने उन्हें सरकारी संपत्ति को नष्ट करने के लिए नहीं भेजा है और उन्होंने सांसदों से अनुरोध किया कि किसी भी सदस्य को सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का अधिकार नहीं है।


 


संपत्ति को नुकसान पहुँचाने पर कार्रवाई की चेतावनी

ओम बिरला ने सांसदों को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया, तो उनके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, "यदि आप सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का प्रयास करेंगे, तो मुझे कुछ निर्णायक कदम उठाने होंगे और देश की जनता आपको देखेगी। कई विधानसभाओं में ऐसी घटनाओं के लिए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मैं आपको फिर से चेतावनी देता हूँ कि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का प्रयास न करें।"


 


विपक्ष का हंगामा और कार्यवाही का स्थगन

सोमवार को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोपहर दो बजे तक रोक दी गई। ओम बिरला ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों को सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुँचाने की चेतावनी दी। एक बार के स्थगन के बाद सदन की बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई, जिसमें पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत किए। इस दौरान विपक्षी सांसद एसआईआर के मुद्दे पर शोर मचाने लगे।


 


विधेयकों की पेशकश के बीच हंगामा

हंगामे के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसे बाद में प्रवर समिति को भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसी दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही को पांच मिनट बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया।