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लोकसभा में बिहार के चुनावी रजिस्ट्रेशन पर हंगामा, कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली में लोकसभा में बिहार के चुनावी रजिस्ट्रेशन पर हंगामा हुआ, जिसके कारण कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर हाशिए पर रहने वाले समुदायों को लक्षित करने का आरोप लगाया। स्पीकर ने सदस्यों से संसद की गरिमा बनाए रखने की अपील की। जानें इस मुद्दे पर पूरी जानकारी और आगे की स्थिति।
 

लोकसभा की कार्यवाही स्थगित


नई दिल्ली, 4 अगस्त: लोकसभा में सोमवार को विपक्ष के सदस्यों द्वारा बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) पर तात्कालिक चर्चा की मांग को लेकर लगातार हंगामा होने के कारण कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।


यह disruption मानसून सत्र में एक और बाधित बैठक को दर्शाता है, जो मतदाता सूची के विवादास्पद अपडेट के कारण बार-बार बाधित हो रहा है।


सत्र की शुरुआत स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल के साथ की, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वेरा को बुलाया, जिन्होंने स्थायी नौकरियों के नियमितीकरण पर सवाल उठाया। हालांकि, यह प्रक्रिया जल्दी ही कांग्रेस, DMK, RJD, SP और अन्य INDIA ब्लॉक पार्टियों के सदस्यों द्वारा जोरदार नारेबाजी और प्लेकार्ड लहराने से overshadow हो गई।


विपक्षी सांसदों ने चुनाव आयोग पर हाशिए पर रहने वाले समुदायों को लक्षित करने वाले मतदाता सफाई का आरोप लगाया, SIR प्रक्रिया को 'असंवैधानिक' और बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक रूप से प्रेरित करार दिया।


अध्यक्ष की बार-बार अपीलों के बावजूद, विपक्ष ने सदन के बीच में अपना विरोध जारी रखा।


स्पीकर बिरला ने सदस्यों से संसद की गरिमा बनाए रखने की अपील की, यह कहते हुए, 'प्रत्येक सांसद लगभग कई नागरिकों का प्रतिनिधित्व करता है। लोग अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी आवाजें सुनने की उम्मीद करते हैं।'


उन्होंने प्लेकार्ड और बैनरों के प्रदर्शन को 'दुष्ट और योजनाबद्ध इरादा' करार दिया, जो कार्यवाही में बाधा डालने के लिए था।


'यह एक अच्छा रिवाज नहीं है। पूरा देश आपको देख रहा है,' उन्होंने कहा, और फिर सदन को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया।


कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पहले SIR प्रक्रिया पर समर्पित चर्चा की मांग करते हुए एक स्थगन प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जबकि अन्य विपक्षी नेताओं ने चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की अपनी मांग दोहराई।


हालांकि, सरकार का कहना है कि संशोधन चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र के तहत एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया है।


मानसून सत्र 21 अगस्त तक जारी रहने वाला है, और खजाने और विपक्षी बेंचों के बीच गतिरोध चुनावी अखंडता और लोकतांत्रिक मानदंडों पर बढ़ती खाई को दर्शाता है। राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक जैसे विधायी कार्य लंबित हैं।