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लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर महत्वपूर्ण चर्चा की तैयारी

लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकवादी हमले पर होने वाली बहस में सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया है। बीएसपी प्रमुख मायावती ने एकता और जिम्मेदारी के साथ बहस करने का आग्रह किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बहस की शुरुआत करेंगे, जिसमें सरकार का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाएगा। यह बहस संसद के मौजूदा मानसून सत्र का एक महत्वपूर्ण क्षण है, जिसमें दोनों पक्षों के नेता आतंकवाद के मुद्दों पर टकराव की उम्मीद कर रहे हैं।
 

राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर चर्चा


नई दिल्ली, 28 जुलाई: लोकसभा में सोमवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकवादी हमले पर एक महत्वपूर्ण बहस होने जा रही है, जिसमें सभी दलों के सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक गैर-पार्टी चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया है।


यह सत्र, जो 16 घंटे तक चलेगा, संसद के मौजूदा मानसून सत्र के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में से एक माना जा रहा है।


बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने सरकार और विपक्ष से इस बहस को एकता और जिम्मेदारी के साथ करने का आग्रह किया।


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने लिखा: “आज संसद में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा को सरकार और विपक्ष को पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर करना चाहिए। आगे बढ़ते हुए, सरकार और विपक्ष को एक ठोस रणनीति के तहत मिलकर काम करना चाहिए ताकि किसी भी महिला का 'सिंदूर' न मिटे और कोई मां अपने बेटे को न खोए; यह समय की मांग भी है।”


जिम्मेदारी की मांग को दोहराते हुए, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने शीर्ष नेतृत्व से सीधी संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया।


“हमारे नेता राहुल गांधी और पूरा विपक्ष लगातार मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री संसद में उपस्थित रहें और सीधे जवाब दें। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर प्रधानमंत्री का उत्तर देना अत्यंत आवश्यक है,” उन्होंने कहा।


लोकसभा में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बहस की शुरुआत करेंगे, जो पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किए गए सैन्य और कूटनीतिक पहल पर सरकार का दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इस मुद्दे के आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय पहलुओं पर बोलेंगे।


मानसून सत्र के पहले सप्ताह में चुनावी सूची में संशोधन और अन्य विवादास्पद मुद्दों पर व्यवधान के बाद, यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा और द्विदलीय जिम्मेदारी की ओर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देती है।


दोनों पक्षों के नेता पहलगाम आतंकवादी हमले के प्रबंधन और भारत की व्यापक आतंकवाद विरोधी रणनीति पर टकराव की उम्मीद कर रहे हैं।