लोक जनशक्ति पार्टी: रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत
लोक जनशक्ति पार्टी, जिसे रामविलास पासवान ने स्थापित किया, बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस लेख में, हम पार्टी के गठन, उसके उद्देश्यों और राजनीतिक सफर पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे चिराग पासवान ने पार्टी की बागडोर संभाली और 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों की जानकारी।
Nov 4, 2025, 10:59 IST
लोक जनशक्ति पार्टी का इतिहास
लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना एक ऐसे नेता ने की थी, जिन्हें राजनीतिक मौसम का वैज्ञानिक माना जाता था। यह नेता रामविलास पासवान थे। बिहार की सबसे छोटी पार्टी होने के बावजूद, लोक जनशक्ति पार्टी ने हमेशा सत्ता में अपनी भागीदारी बनाए रखी है। यह भागीदारी न केवल बिहार में, बल्कि केंद्र की राजनीति में भी देखी जाती है। जब बिहार की राजनीतिक स्थिति में बदलाव आया, तब रामविलास पासवान ने अपनी पार्टी की नींव रखी।
पार्टी की स्थापना
साल 2000 में रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की। इससे पहले, वे जनता पार्टी, जनता दल और जनता दल यूनाइटेड का हिस्सा रह चुके थे। बिहार की राजनीति में बदलाव के बाद, उन्होंने अपनी पार्टी का गठन किया। दलितों की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए, रामविलास पासवान ने 1981 में दलित सेना संगठन की स्थापना की थी।
पार्टी का उद्देश्य
लोक जनशक्ति पार्टी का उद्देश्य सामाजिक न्याय और दलित समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना है। बिहार में दलितों की जनसंख्या लगभग 17 प्रतिशत है, जिसमें दुसाध जाति का वोट बैंक करीब 5 प्रतिशत है। यह वोट बैंक पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
राजनीतिक सफर
2004 के लोकसभा चुनाव में, लोक जनशक्ति पार्टी ने 4 सीटें जीतीं और यूपीए का हिस्सा बनी। 2005 के विधानसभा चुनाव में, पार्टी ने 29 सीटों पर जीत हासिल की। हालांकि, किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने के कारण राष्ट्रपति शासन लागू हुआ और अक्टूबर-नवंबर 2005 में फिर से चुनाव हुए, जिसमें एलजेपी केवल 10 सीटों पर सिमट गई।
2010 के विधानसभा चुनाव में, पार्टी ने केवल 3 सीटें जीतीं और 2011 में, पार्टी के 3 में से 2 विधायक अन्य दलों में शामिल हो गए। यह वह समय था जब एलजेपी सत्ता से बाहर थी, लेकिन राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के कारण, पार्टी को फिर से मजबूती मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव में, एलजेपी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा और 6 सीटों पर जीत हासिल की।
इस दौरान, रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने पहली बार जमुई सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 2015 में, पार्टी ने 42 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन केवल 2 सीटें जीतीं। वहीं, 2019 में, लंबे विचार-विमर्श के बाद, एलजेपी ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी 6 सीटों पर जीत हासिल की।
पार्टी का नेतृत्व
5 नवंबर 2019 को, चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। अध्यक्ष बनने के बाद, चिराग ने 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' नामक यात्रा शुरू की। चिराग पासवान के नेतृत्व में, पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी 243 सीटों पर तैयारी कर रही है।