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लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने राजनीति में कदम रखा, चुनाव लड़ने की तैयारी

लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने चुनावी राजनीति में कदम रखने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि वह दरभंगा या मधुबनी से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। मैथिली ने बीजेपी के साथ अपने विचारों की समानता का जिक्र किया और प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरणा लेने की बात कही। उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत उनके संगीत करियर से जुड़ी है, जिसमें उन्होंने कई पुरस्कार भी जीते हैं। जानें उनके चुनावी सफर के बारे में और कैसे वह अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा करना चाहती हैं।
 

मैथिली ठाकुर का चुनावी ऐलान

बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। उन्होंने एक मीडिया चैनल के साथ बातचीत में बताया कि वह दरभंगा या मधुबनी से चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मैथिली ने कहा कि वह अपने क्षेत्र के लोगों की सेवा के लिए चुनाव लड़ना चाहती हैं और संगीत भी उनके साथ रहेगा।



राजनीतिक पार्टी का चयन

जब उनसे पूछा गया कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी, तो मैथिली ने बीजेपी की ओर इशारा करते हुए कहा कि उनकी विचारधारा उस पार्टी से मेल खाती है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित हैं और उनके नेतृत्व को देखकर राजनीति में आने का मन बनाया है।


हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन चर्चा है कि वह अलीनगर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं।


मैथिली ठाकुर का परिचय

मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में हुआ। उनके पिता रमेश ठाकुर एक संगीतकार हैं, जिन्होंने उन्हें संगीत की शिक्षा दी। मैथिली ने 13 साल की उम्र में रियलिटी शो 'राइजिंग स्टार' में अपनी प्रतिभा साबित की। उनके लोकगीतों ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई।


2024 में उन्हें 'कल्चरल एंबेसडर ऑफ द ईयर' का पुरस्कार मिला और 2023 में चुनाव आयोग ने उन्हें बिहार का 'स्टेट आइकॉन' बनाया। हाल ही में, उन्होंने मधुबनी में वोटिंग के दौरान अपनी दादी और चाची के साथ पहली बार वोट डाला।