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लुईस खुर्शीद और जाकिर हुसैन ट्रस्ट पर ED की चार्जशीट: दिव्यांगों के फंड का दुरुपयोग

प्रवर्तन निदेशालय ने लुईस खुर्शीद और जाकिर हुसैन ट्रस्ट के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें आरोप है कि दिव्यांगों के लिए मिले सरकारी फंड का दुरुपयोग किया गया। इस मामले में 45.92 लाख रुपये की संपत्तियों की जब्ती की गई है। ED की जांच में यह सामने आया है कि ट्रस्ट को मिली ग्रांट का उपयोग निजी लाभ के लिए किया गया। आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है, जिससे आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
 

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई

लुईस खुर्शीद और सलमान खुर्शीद

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लखनऊ स्थित अपने कार्यालय से सरकारी धन के दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित एक मामले में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 11 अगस्त 2025 को, ED ने विशेष अदालत में एक प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (चार्जशीट) पेश की, जिसमें 45.92 लाख रुपये की संपत्तियों की जब्ती और आरोपियों को सजा देने की मांग की गई है। इस मामले में मुख्य आरोपी डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट, लुईस खुर्शीद (सलमान खुर्शीद की पत्नी) और मोहम्मद अथर हैं।

इन पर आरोप है कि ट्रस्ट ने दिव्यांगों को कृत्रिम अंग और उपकरण बांटने के लिए प्राप्त सरकारी फंड का दुरुपयोग किया। लखनऊ की विशेष PMLA अदालत ने 25 नवंबर 2025 को ED की चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।

दिव्यांगों के लिए फंड का दुरुपयोग

ED ने इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज की गई 17 एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। ये एफआईआर डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के प्रतिनिधि प्रत्युष शुक्ला और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई थीं। पुलिस ने इन सभी मामलों में ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव अथर फारूकी उर्फ मोहम्मद अथर और तत्कालीन प्रोजेक्ट डायरेक्टर लुईस खुर्शीद के खिलाफ चार्जशीट पेश की है।

जांच में यह सामने आया है कि ट्रस्ट को केंद्र सरकार से 71.50 लाख रुपये की ग्रांट मिली थी, जिसका उपयोग दिव्यांगों के लिए कैंप आयोजित करने में किया जाना था। लेकिन आरोप है कि यह राशि निर्धारित उद्देश्य के लिए खर्च नहीं की गई, बल्कि प्रत्युष शुक्ला, मोहम्मद अथर और लुईस खुर्शीद द्वारा अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल की गई।

संपत्तियों की अस्थायी कुर्की

इससे पहले, ED ने इस मामले में 45.92 लाख रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। इनमें फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में स्थित 15 अचल संपत्तियां (कृषि भूमि) शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 29.51 लाख रुपये है, और ट्रस्ट से जुड़े चार बैंक खातों में जमा 16.41 लाख रुपये भी शामिल हैं। ED का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है और यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।