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लिवर इन्फेक्शन: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

लिवर इन्फेक्शन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है। यह वायरल, बैक्टीरियल, या अन्य कारणों से हो सकता है। इसके लक्षणों में भूख में कमी, थकान, और पीलिया शामिल हैं। जानें कि कैसे आप लिवर इन्फेक्शन से बच सकते हैं, जैसे कि साफ पानी पीना, सुरक्षित यौन संबंध बनाना, और नियमित जांच कराना। इस लेख में लिवर इन्फेक्शन के कारण, लक्षण और बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी गई है।
 

लिवर इन्फेक्शन की जानकारी

लिवर इन्फेक्शन

लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को शुद्ध करने, पाचन में सहायता करने, पोषक तत्वों को संग्रहित करने और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का कार्य करता है। जब लिवर में इन्फेक्शन होता है, तो इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि लिवर में इन्फेक्शन क्यों होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, लिवर इन्फेक्शन को चिकित्सा भाषा में हेपेटाइटिस कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है। यह संक्रमण विभिन्न कारणों से हो सकता है, जैसे कि वायरल, बैक्टीरियल, फंगल या पैरासिटिक। लिवर में इन्फेक्शन होने पर, यह अपनी सामान्य कार्यप्रणाली को नहीं निभा पाता और यदि समय पर उपचार नहीं किया गया, तो यह गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

लिवर इन्फेक्शन के कई कारण हो सकते हैं, और यदि प्रारंभिक चरण में ध्यान नहीं दिया गया, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके कुछ प्रमुख कारणों के बारे में डॉ. जुगल किशोर बताते हैं।


लिवर इन्फेक्शन के कारण

वायरस का संक्रमण

लिवर इन्फेक्शन का सबसे सामान्य कारण वायरल हेपेटाइटिस है। इसके मुख्य प्रकार हैं – हेपेटाइटिस A, B, C, D और E। ये वायरस दूषित भोजन, संक्रमित रक्त, यौन संपर्क या संक्रमित सुई के माध्यम से फैल सकते हैं।

दूषित भोजन और पानी

गंदा पानी, अधपका खाना या असुरक्षित बाहरी भोजन भी लिवर इन्फेक्शन का एक बड़ा कारण बन सकता है, जिससे हेपेटाइटिस A और E का संक्रमण फैलता है।

शराब और धूम्रपान

अधिक मात्रा में शराब का सेवन और धूम्रपान लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे लिवर कमजोर हो जाता है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

दवाओं का दुष्प्रभाव

कुछ दवाओं का लंबे समय तक बिना डॉक्टर की सलाह के सेवन करने से भी लिवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और लिवर इन्फेक्शन हो सकता है।

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

जिन व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वे भी लिवर इन्फेक्शन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।


लिवर इन्फेक्शन के लक्षण

लिवर इन्फेक्शन के लक्षण

लिवर इन्फेक्शन के लक्षण प्रारंभिक चरण में हल्के हो सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती है, मरीज की हालत गंभीर हो सकती है। यदि शुरुआती संकेतों का पता चल जाए, तो लिवर इन्फेक्शन के खतरे को कम किया जा सकता है। यदि आपके शरीर में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:

  • भूख में कमी
  • लगातार थकान
  • जी मिचलाना और उल्टी
  • पेट के दाहिने हिस्से में दर्द या भारीपन
  • आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)
  • गाढ़ा पेशाब और हल्का रंग का मल
  • बुखार
  • जोड़ों में दर्द


लिवर इन्फेक्शन से बचाव के उपाय

लिवर इन्फेक्शन से बचाव के उपाय

साफ-सफाई का ध्यान रखें

हाथ धोने की आदत डालें। खाना बनाने से पहले और शौचालय के बाद हाथ अवश्य धोएं।

साफ पानी पिएं

हमेशा उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं। बाहर का गंदा पानी पीने से बचें।

सुरक्षित यौन संबंध बनाए रखें

सुरक्षित यौन संबंध बनाने से हेपेटाइटिस B और C के संक्रमण से बचा जा सकता है।

टीकाकरण कराएं

हेपेटाइटिस A और B के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। बच्चों और वयस्कों को डॉक्टर की सलाह से टीका लगवाना चाहिए।

शराब और धूम्रपान से दूर रहें

जितना संभव हो, शराब और तंबाकू के सेवन से बचें क्योंकि ये लिवर को कमजोर करते हैं।

दवाइयों का सेवन सावधानी से करें

कोई भी दवा लंबे समय तक खुद से न लें। डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करें।

नियमित जांच कराएं

यदि आपको पहले से कोई लिवर से संबंधित समस्या है, तो समय-समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट करवाते रहें।