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लालू यादव और तेजस्वी पर आरोपों की आंच, बिहार में सियासी हलचल

आईआरसीटीसी घोटाले में लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर आरोप तय होने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। जदयू के नेताओं ने लालू परिवार पर तीखा हमला किया है, जबकि एमएलसी नीरज कुमार ने तेजस्वी से उनकी संपत्ति को सार्वजनिक करने का सवाल किया। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में विशेष आदेश पारित किया है, जिसमें आरोपों की गंभीरता को दर्शाया गया है। जानें इस मामले में और क्या हुआ और बिहार की जनता की प्रतिक्रिया क्या है।
 

बिहार में सियासत का नया मोड़

आईआरसीटीसी घोटाले के मामले में राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप तय होने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं ने लालू परिवार पर तीखा हमला किया है। जदयू के प्रवक्ता ने कहा कि लालू परिवार पर 420 और 120 बी के तहत आरोप लगना स्वाभाविक है। उन्होंने आरोप लगाया कि लालू यादव ने अपने बड़े भाई के रिश्तेदार को नौकरी दी और फुलवरिया में जमीन बेचने का काम किया। इसके अलावा, राबड़ी देवी के चाचा के परिवार को भी नौकरी दी गई और जमीन का हस्तांतरण किया गया। नीरज कुमार ने कहा कि यह न्याय की प्रक्रिया का हिस्सा है और अब लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।


तेजस्वी यादव पर सवाल

एमएलसी नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव से यह सवाल किया कि यदि उनके नाम पर संपत्ति है, तो उन्होंने इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि यदि आप न्यायपालिका को चुनाव से जोड़ते हैं, तो आपके वकील ने जिरह क्यों नहीं की? उन्होंने यह भी कहा कि आपके घटक दल के लोग समय की सहीता पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन, आपने घोटाले के जरिए जो संपत्ति अर्जित की है, उसके बारे में आप चुप क्यों हैं? आज कोर्ट ने फिर से न्याय किया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस देश का कानून सभी के लिए समान है। आज आरोप तय होने से यह साबित होता है कि बिहार की जनता ऐसे परिवारवादी और भ्रष्ट परिवार को सत्ता में नहीं देखना चाहती। हम मांग करते हैं कि उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।


राउज एवेन्यू कोर्ट का आदेश

राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाले से संबंधित मामले में भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने यह आदेश सोमवार को पारित किया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरोप लगाया है कि लालू यादव ने 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया और निजी कंपनी सुजाता होटल्स को रांची और पुरी में दो आईआरसीटीसी होटलों के पट्टे के लिए अनुचित तरीके से ठेके दिए।