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लालू परिवार में विवाद: तेजस्वी और रोहिणी के बीच बढ़ी तकरार

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद तेजस्वी यादव और उनकी बहन रोहिणी आचार्य के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है। 15 नवंबर को राबड़ी देवी के आवास पर हुई बहस ने चप्पल उठाने तक की स्थिति पैदा कर दी। रोहिणी ने तेजस्वी की टीम के कामकाज पर नाराजगी जताई और अंततः परिवारिक कलह को पटना एयरपोर्ट पर सार्वजनिक कर दिया। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और परिवार के अन्य सदस्यों की प्रतिक्रियाएं।
 

लालू परिवार में चल रहा महासंग्राम

लालू परिवार में महासंग्राम.

बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम 14 नवंबर को घोषित हुए, जिसमें आरजेडी को भारी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 15 नवंबर को राबड़ी देवी के आवास पर तेजस्वी यादव और उनकी बहन रोहिणी आचार्य के बीच तीखी बहस हुई, जो चप्पल उठाने तक पहुंच गई। रोहिणी तेजस्वी और उनकी टीम के कामकाज से असंतुष्ट थीं। उन्होंने संजय यादव के साले को तेजस्वी का पीए बनाए जाने पर भी नाराजगी जताई।

रोहिणी ने आरोप लगाया कि संजय और रमीज तेजस्वी से मिलने नहीं देते और मनमानी करते हैं। तेजस्वी ने संजय का बचाव किया, जिस पर रोहिणी ने सवाल उठाया कि क्यों वह व्यक्तिगत रूप से लेते हैं। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच हाथापाई की स्थिति बन गई।

तेजस्वी ने रोहिणी को सुसराल जाने की सलाह दी

इस बीच, राबड़ी देवी और मीसा भारती ने बीच-बचाव किया। कुछ परिवार के सदस्यों का कहना है कि तेजस्वी की पत्नी भी संजय का समर्थन कर रही थीं। तेजस्वी ने रोहिणी को उनकी शादी का हवाला देते हुए सुसराल जाने को कहा, जिससे रोहिणी रोते हुए लालू के पास गईं और बाद में दिल्ली चली गईं।

पटना एयरपोर्ट पर पारिवारिक विवाद का खुलासा

पटना एयरपोर्ट पर रोहिणी ने पारिवारिक कलह को सार्वजनिक कर दिया। यह पहली बार नहीं है जब रोहिणी आचार्य संजय यादव से नाराज हुई हैं। चुनाव से पहले भी उन्होंने संजय के बस की फ्रंट सीट पर बैठने पर विरोध जताया था। तेज प्रताप यादव भी संजय को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करते रहते हैं।

रोहिणी की नाराजगी और तेजस्वी की टीम का अनदेखा

रोहिणी ने इस मामले को आगे बढ़ाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें अपमानित किया गया और उनकी किडनी को लेकर भी टिप्पणियां की गईं। कहा जा रहा है कि रोहिणी छपरा से लोकसभा चुनाव हारने के बाद विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा रखती थीं और अपने उम्मीदवारों की सूची भी तेजस्वी की टीम को दी थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। इस कारण से वह तेजस्वी और उनकी टीम से नाराज थीं।