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लालू परिवार में कलह: रोहिणी आचार्य के आरोपों से मचा हंगामा

बिहार चुनाव परिणाम के बाद लालू परिवार में चल रही कलह ने सुर्खियां बटोरी हैं। रोहिणी आचार्य ने अपने परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें अपमान और हिंसा के दावे शामिल हैं। तेजप्रताप यादव और ऐश्वर्या राय के बीच का विवाद भी इस परिवार की समस्याओं को उजागर करता है। भाजपा ने इस मुद्दे पर राजद पर हमला किया है, जिससे राजनीतिक माहौल और गरमाया है। जानें इस पारिवारिक विवाद की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
 

लालू परिवार में बढ़ती कलह

ऐश्वर्या, तेजप्रताप, रोहिणी और लालू प्रसाद यादव.


बिहार चुनाव परिणाम के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की हार की चर्चा के बजाय लालू परिवार में चल रही कलह अधिक सुर्खियों में है। राजद के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने चुनाव परिणाम के दूसरे दिन से ही आरोपों की झड़ी लगाई है।


सोशल मीडिया पर गालियों और हिंसा के आरोप लगाते हुए उन्होंने परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। चुनावी हार के पहले से ही लालू परिवार तनाव में था, और अब यह पारिवारिक विवाद और बढ़ गया है।


लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने बहन के अपमान का बदला लेने की बात की है और एनडीए को समर्थन देने का ऐलान किया है। कुल मिलाकर, बिहार में राजनीतिक हार के बाद लालू परिवार में कलह बढ़ती जा रही है।


ऐश्वर्या का आरोप और पारिवारिक विवाद

लालू परिवार की कलह की चर्चा पहली बार नहीं हो रही है। सबसे पहले यह विवाद तेजप्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच शुरू हुआ था। 2018 में हुई उनकी शादी कुछ ही महीनों में टूट गई और तलाक का मामला अदालत में लंबित है।


ऐश्वर्या राय, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती हैं, ने तेजप्रताप पर घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें घर से निकाला गया और तेजप्रताप के व्यवहार ने उन्हें परेशान किया।


तेजप्रताप का परिवार से निष्कासन

तेजप्रताप को लेकर विवाद तब और बढ़ा जब उन्होंने सोशल मीडिया पर एक अन्य महिला के साथ तस्वीर साझा की। इस पर परिवार ने उन्हें पार्टी और परिवार से निकालने का निर्णय लिया।


तेजप्रताप ने अपनी अलग पार्टी बनाई और चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर कई बार निशाना साधा।


रोहिणी आचार्य के आरोपों से हंगामा

चुनाव प्रचार के दौरान रोहिणी आचार्य ने संजय यादव पर सवाल उठाए थे, लेकिन मतदान के दिन वह तेजस्वी यादव और लालू यादव के साथ नजर आईं। चुनाव हारने के बाद उन्होंने फिर से आरोप लगाना शुरू किया।


उन्होंने कहा कि उन्हें अपमानित किया गया और गालियां दी गईं। रोहिणी ने अपने आत्मसम्मान की रक्षा की बात की और कहा कि उन्हें अनाथ बना दिया गया। हालांकि, परिवार ने इस पर चुप्पी साध रखी है।


भाजपा का हमला

भाजपा ने रोहिणी आचार्य के आरोपों पर राजद पर निशाना साधा है। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख ने कहा कि लालू यादव ने अपनी बेटी के सम्मान की तुलना में अपने बेटे को प्राथमिकता दी।


उन्होंने इसे परिवार की पितृसत्तात्मक मानसिकता का उदाहरण बताया।


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