लाल किले के पास विस्फोट: प्रारंभिक जांच में आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश
लाल किले के पास विस्फोट की जांच
लाल किले के निकट हुए विस्फोट की प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि यह घटना संभवतः एक 'दुर्घटनावश' हुई थी। यह विस्फोट तब हुआ जब एक अंतर-राज्यीय आतंकवादी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद विस्फोटक उपकरण को जल्दी में ले जाया जा रहा था। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की। पुलिस ने इस मामले की जांच एक संभावित आतंकवादी हमले के रूप में शुरू की है और पुलवामा के डॉक्टर उमर नबी पर ध्यान केंद्रित किया है। यह डॉक्टर फरीदाबाद स्थित एक आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है, जिसका पर्दाफाश हाल ही में हुआ था।
दिल्ली विस्फोट की योजना
लाल किला विस्फोट की जांच में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है कि विस्फोट से पहले की गई योजना और टोह लेने के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य उजागर हुए हैं। इस विस्फोट में 12 लोगों की जान गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। पूछताछ में, फरीदाबाद से संचालित एक आतंकी मॉड्यूल के संदर्भ में गिरफ्तार डॉ. मुज़म्मिल गनई ने बताया कि उसने और डॉ. उमर नबी ने जनवरी के पहले सप्ताह में लाल किले की रेकी की थी।
आतंकवादी साजिश की तैयारी
जांचकर्ताओं ने डॉ. मुज़म्मिल के मोबाइल फोन से प्राप्त डेटा के माध्यम से यह जानकारी हासिल की। पूछताछ के दौरान, यह भी पता चला कि 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को लाल किले को निशाना बनाना उनकी योजना का हिस्सा था। सूत्रों ने बताया कि यह मॉड्यूल दिवाली के दौरान किसी भीड़-भाड़ वाले स्थान पर हमले की योजना भी बना रहा था।
विस्फोट का कारण
सोमवार की शाम को लाल किले में हुआ विस्फोट, जैश-ए-मोहम्मद और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद से जुड़े एक आतंकवादी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के कुछ घंटों बाद हुआ। पुलिस के अनुसार, डॉ. उमर जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी मॉड्यूल का सदस्य था, जिसमें डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. आदिल अहमद डार भी शामिल थे।
प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष
अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट की प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि यह घटना 'दुर्घटनावश' हुई थी। बम समय से पहले फट गया था और पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था, जिससे इसका प्रभाव सीमित रहा। विस्फोट से कोई गड्ढा नहीं बना और न ही कोई छर्रे या प्रक्षेपास्त्र मिले।
विस्फोट स्थल से नमूने एकत्र किए गए
अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट स्थल से फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) की टीम ने 40 से अधिक नमूने एकत्र किए हैं, जिनमें एक जीवित कारतूस और दो अलग-अलग प्रकार के विस्फोटकों के नमूने शामिल हैं। प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि विस्फोटकों में से एक नमूना अमोनियम नाइट्रेट प्रतीत होता है। सोमवार को फरीदाबाद में 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया था।