लाल किला विस्फोट की जांच एनआईए को सौंपी गई, 12 की मौत
लाल किला विस्फोट की गंभीरता
गृह मंत्रालय ने लाल किला विस्फोट की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। सोमवार शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट एक ट्रैफिक सिग्नल पर एक धीमी गति से चल रही कार में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ, जिसमें 12 लोगों की जान चली गई और 25 से अधिक लोग घायल हुए। प्रारंभिक फोरेंसिक जांच में यह सामने आया है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर का उपयोग किया गया था।
दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में यूएपीए के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की और राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न स्थानों पर छापे मारे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विस्फोट वाली कार के चालक का संबंध फरीदाबाद के एक आतंकवादी मॉड्यूल से था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना के बाद एक उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस हमले में 12 लोगों की मौत हुई और कई अन्य घायल हुए। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, आईबी के निदेशक, दिल्ली पुलिस आयुक्त और एनआईए के महानिदेशक शामिल थे। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने भी डिजिटल माध्यम से बैठक में भाग लिया।
आतंकवादी हमले की साजिश
पुलवामा के निवासी और चिकित्सक उमर मोहम्मद ने कथित तौर पर वह हुंदै आई20 कार चलाई, जिसका उपयोग विस्फोट में किया गया था। पुलिस ने बताया कि इस कार के चालक की पहली तस्वीर सीसीटीवी फुटेज में मिली है। प्रारंभिक जांच से यह संकेत मिलता है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट, ईंधन तेल और डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दिल्ली विस्फोट और फरीदाबाद के आतंकवादी मॉड्यूल के बीच संभावित संबंध का संकेत मिला है, जहां से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था। अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।