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ललन सिंह का मटन भोज: विपक्ष का तीखा हमला

जदयू के नेता ललन सिंह के सावन में आयोजित मटन भोज ने विपक्ष का ध्यान खींचा है। राजद और कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें धर्म का हवाला देकर केंद्र और बिहार सरकार पर निशाना साधा गया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी इस भोज को 'पुण्य' बताएगी। जानें इस विवाद के पीछे की राजनीति और ललन सिंह की प्रतिक्रिया।
 

ललन सिंह के मटन भोज पर विवाद

जदयू के प्रमुख नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह सावन के महीने में मटन भोज का आयोजन करने के कारण विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। इस पर राजद और कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म का उल्लेख करते हुए केंद्र और बिहार सरकार पर आरोप लगाए हैं। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी अब यह कहेगी कि ललन सिंह उनके कार्यकर्ताओं को मटन खिला रहे हैं, क्योंकि वह उनके सहयोगी और केंद्रीय मंत्री हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री कल यहां आएंगे, तो वह ललन सिंह के मटन भोज पर टिप्पणी करेंगे।


कांग्रेस का तीखा बयान

कांग्रेस ने इस मटन पार्टी का वीडियो साझा करते हुए लिखा, "सावन के महीने में मोदी-नीतीश की मटन पार्टी! धर्म के ठेकेदारों, डूब मरो।" पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा के लोग ललन बाबू के मटन भोज का आनंद लेंगे। बुधवार (16 जुलाई) को ललन सिंह ने लखीसराय के सूर्यगढ़ा में 472 करोड़ रुपये की सड़क और पुल निर्माण परियोजनाओं का शिलान्यास किया था, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए।


भोज की तैयारी और राजनीति

भोज की घोषणा करते हुए, ललन सिंह ने कहा कि खाना तैयार है और इसे एक शानदार भोजन बताया। उन्होंने कहा, "सावन के लिए भी व्यवस्था की गई है - सावन का खाना तो है ही, साथ ही जो लोग सावन नहीं मनाते उनके लिए भी व्यवस्था है।" बिहार में मटन पर राजनीति कोई नई बात नहीं है। पिछले साल सावन के महीने में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मटन खिलाया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। इसके अलावा, लोकसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव का नवरात्रि में मछली खाते हुए एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिस पर एनडीए नेताओं ने इसे सनातन विरोधी कृत्य बताया था।