लता जी के पसंदीदा रक्षाबंधन गीत और भाई-बहन के रिश्ते की मिठास
लता जी का रक्षाबंधन पर विशेष प्रेम
हर रक्षाबंधन पर मैं लता जी से एक सवाल पूछता था: क्या मैं उनका पसंदीदा भाई हूं? वह हमेशा हंसते हुए कहतीं, 'पहले हृदयनाथ फिर आप।' उनकी यह हंसी आज भी मेरी आंखों में आंसू ला देती है।
लता जी को अपने गाने सुनना पसंद नहीं था, यहां तक कि जो उनके प्रशंसकों के लिए क्लासिक माने जाते हैं। वह कहती थीं, 'खासकर नहीं, क्योंकि मैं उनमें हजारों खामियां ढूंढ लेती। मैं सोचती कि ये क्लासिक क्यों माने जाते हैं।' लेकिन उन्हें अपने रक्षाबंधन के गाने बहुत पसंद थे।
उनका पसंदीदा गाना 'रंग बिरंगी राखी लेकर आए बहना' था। लता जी ने कहा कि यह गाना गाना आसान था क्योंकि इसके संगीतकार मदन मोहन उनके राखी भाई थे। हर रक्षाबंधन वह अपनी छोटी बहन के पास आते थे ताकि वह उनकी कलाई पर वह पवित्र धागा बांध सकें। मदन मोहन ने इस गाने को लता जी के साथ अपने रिश्ते को ध्यान में रखकर बनाया था।
लता जी को 'फूलों का तारों का सबका कहना है' भी बहुत पसंद था। 'यह एक भाई का अपनी बहन के लिए गाना है, पहले जब वे बच्चे होते हैं और फिर बड़े होने पर। मैंने उस बच्चे के लिए गाया जो युवा देव आनंद का किरदार निभा रहा था। चुनौती थी कि मुझे एक छोटे लड़के की आवाज में अपनी बहन के लिए प्यार व्यक्त करना था।'
उनका एक और पसंदीदा गाना 'भाईया मेरे राखी के बंधन को निभाना' था। इस गाने में नंदा का अपने स्क्रीन भाई बलराज साहनी के साथ प्यार भरा दृश्य आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है। यह गाना शंकर-जयकिशन की जोड़ी द्वारा संगीतबद्ध किया गया था और यह रक्षाबंधन के सबसे लोकप्रिय गानों में से एक है।
मेरा सबसे पसंदीदा रक्षाबंधन गाना 'चंदा रे मेरे भाईया से कहना बहना याद करे' है। यह गाना बेहद खूबसूरत है, जिसमें खय्याम का संगीत और साहिर लुधियानवी के शब्द हैं। लता जी ने इसे इतनी खूबसूरती से गाया है कि यह भाई-बहन के रिश्ते का जश्न मनाने वाला सबसे बेहतरीन गाना है।
मैंने लता जी से पूछा कि वह इस गाने में इतनी भावनात्मक गहराई कैसे ला पाईं, तो उन्होंने कहा, 'यह एक बहन के अपने भाई से दूर होने के बारे में है। मैंने सोचा कि अगर मेरा भाई हृदयनाथ मेरे साथ नहीं होता तो रक्षाबंधन कैसा होता। बस, वही भावनाएं बाहर आ गईं।'