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लखनऊ में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़: सरगना लोला की साजिशें उजागर

लखनऊ में एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें रैकेट की सरगना लोला कायूमोवा की साजिशें उजागर हुई हैं। लोला ने युवा दिखने के लिए कई बार प्लास्टिक सर्जरी करवाई और विदेशी युवतियों को भारत लाकर रैकेट में शामिल किया। पुलिस ने इस मामले में दो युवतियों को गिरफ्तार किया है और रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। जानिए इस रैकेट के पीछे की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

लखनऊ सेक्स रैकेट की सच्चाई


लखनऊ में सेक्स रैकेट के मामले में नए खुलासे सामने आ रहे हैं। रैकेट की प्रमुख लोला कायूमोवा ने हमेशा युवा दिखने की चाह में अपने चेहरे, होंठ, अंडर आर्म्स और प्राइवेट पार्ट्स की सात बार प्लास्टिक सर्जरी करवाई, ताकि वह 49 साल की उम्र में 29 साल की नजर आए।


21 जून को ओमेक्स हजरतगंज अपार्टमेंट से पुलिस ने दो उज्बेकिस्तानी युवतियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान होलिडा और नीलोफर के रूप में हुई। मीडिया चैनल की टीम ने इस रैकेट की गहराई में जाकर जांच की।


जांच में पता चला कि यह रैकेट लखनऊ और दिल्ली के साथ-साथ उज्बेकिस्तान और थाईलैंड तक फैला हुआ है।


लोला के कथित पति त्रिजिन का जन्मदिन फरवरी में मनाया गया था, जिसमें लोला भी शामिल थी।


रैकेट का भंडाफोड़ कैसे हुआ?

पुलिस को ओमेक्स हजरतगंज अपार्टमेंट में सेक्स रैकेट चलने की सूचना मिली थी। इसके बाद 21 जून की रात को सुशांत गोल्फ सिटी थाना पुलिस ने फ्लैट नंबर-527 पर छापा मारा, जहां से होलिडा और नीलोफर को गिरफ्तार किया गया।


दोनों अवैध रूप से भारत में रह रही थीं। जांच में यह भी सामने आया कि यह फ्लैट डॉक्टर विवेक गुप्ता का है। लोला ने इन युवतियों को भारत लाकर अपने रैकेट में शामिल किया।


पुलिस ने बताया कि लोला, डॉ. विवेक गुप्ता और त्रिजिन फरार हैं और उनकी तलाश जारी है। ओमेक्स हजरतगंज अपार्टमेंट में होटल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।


सेक्स रैकेट का संचालन

पुलिस के सूत्रों के अनुसार, लोला ने 2013 में भारत आने के लिए पासपोर्ट बनवाया और नेपाल के रास्ते भारत पहुंची। शुरुआत में उसने दिल्ली-एनसीआर में ठिकाना बनाया और वहां के एजेंटों के माध्यम से रैकेट से जुड़ गई।


वहां उसकी त्रिजिन से पहचान हुई, जिसके बाद वह लखनऊ आ गई और स्पा सेंटर में काम करने लगी। धीरे-धीरे उसने अपना खुद का रैकेट स्थापित कर लिया।


लोला ने विदेशी लड़कियों की मांग को समझते हुए उज्बेकिस्तान की युवतियों को भारत में अच्छे पैसे कमाने का लालच दिया और उन्हें अपने रैकेट में शामिल किया।


डॉक्टर विवेक और लोला का संबंध

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि लोला और डॉ. विवेक की थाईलैंड में मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों लखनऊ में भी मिलने लगे। डॉ. विवेक ने रैकेट से जुड़ी लड़कियों की प्लास्टिक सर्जरी करने का काम शुरू किया।


लोला ने खुद को युवा दिखाने के लिए डॉ. विवेक से सात बार सर्जरी करवाई।


लोला का वीजा 2023 में समाप्त हो गया था, जिसके बाद उसने त्रिजिन के साथ मिलकर खुद को प्रवासी भारतीय साबित करने की कोशिश की।


पुलिस की कार्रवाई

डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि त्रिजिन की लोकेशन ट्रेस की जा रही है और उसकी तलाश में एक टीम लगी हुई है। डॉ. विवेक के विदेशी महिलाओं से संबंधों की भी जांच की जा रही है।


21 जून को गिरफ्तार की गई होलिडा और नीलोफर के डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।


पुलिस ने डॉ. विवेक के कर्मचारियों पर भी नजर रखी हुई है।


लोला की चालाकी

लोला ने पुलिस को धोखा देने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए और खुद को एनआरआई के रूप में प्रस्तुत किया। उसने अपने किराएदारी का सत्यापन भी पुलिस के माध्यम से कराया।


पुलिस अब लोला और उसके रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है।