लखनऊ में नवोदय पूर्व छात्रों का भव्य महासमागम: पुरानी यादें और नए संकल्प
नवोदयन की एकजुटता का अनोखा प्रदर्शन
डॉ राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ
जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) के पूर्व छात्रों ने आज लखनऊ में एक बार फिर अपनी एकजुटता का अद्भुत उदाहरण पेश किया। डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के अंबेडकर सभागार में आयोजित ‘नवोत्सव 2025’ में देशभर से हजारों ‘नवोदयन’ एकत्रित हुए। यह आयोजन न केवल पुरानी यादों को ताजा करने का अवसर बना, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास के लिए नई दिशा निर्धारित करने का मंच भी बना। सांसदों, IAS-IPS अधिकारियों, डॉक्टरों, जजों और हाल ही में पासआउट छात्रों ने इस महासमागम में भाग लिया। अनुमानित 8000 पूर्व छात्रों की उपस्थिति ने इसे देश की सबसे बड़ी एलुमनी मीटों में से एक बना दिया।
लखनऊ मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर में हुई और यह शाम तक जारी रहा। सभागार में नवोदय के ध्वज लहराते हुए दिखाई दिए, जबकि मंच पर ‘नवोत्सव 2025’ का लोगो चमक रहा था। आयोजकों की 200 सदस्यीय वॉलंटियर टीम ने पिछले एक महीने से रजिस्ट्रेशन, लॉजिस्टिक्स और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी की थी। गूगल फॉर्म के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों से रजिस्ट्रेशन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के नवोदय विद्यालयों का विशेष योगदान रहा। सीतापुर, गोंडा, रायबरेली जैसे जिलों से सैकड़ों पूर्व छात्र पहुंचे, जबकि जम्मू-कश्मीर से छत्तीसगढ़ तक के नवोदयन भी शामिल हुए।
हंसी-ठिठोली से गूंज उठा पूरा सभागार
कार्यक्रम की विशेषता छोटे और बड़े के बीच का अद्भुत तालमेल था। नए पासआउट छात्रों ने सीनियर्स से प्रेरणा ली, जबकि वरिष्ठ नवोदयन ने युवाओं को मार्गदर्शन दिया। जब पुराने दोस्तों ने हॉस्टल जीवन की शरारतें साझा कीं, तो सभागार हंसी-ठिठोली से गूंज उठा। एक पूर्व छात्र ने कहा, “यहां आकर ऐसा लगता है जैसे समय थम गया हो। नवोदय ने हमें न केवल किताबें सिखाईं, बल्कि जीवन का साथ निभाना भी सिखाया।” एक युवा IAS अधिकारी ने भावुक होकर कहा, “मेरे गांव से निकलकर आज इस मंच पर खड़ा हूं, यह सब नवोदय की देन है।”
संबोधनों ने बांधा समां
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रमुख अतिथियों के संबोधन रहे, जिन्होंने नवोदय की विरासत को मजबूत बनाने पर जोर दिया। लखनऊ के संयुक्त आयुक्त (पुलिस कमिश्नर) बबलू कुमार ने नवोदय को ‘एक ब्रांड’ करार दिया। उन्होंने कहा, “नवोदय एक ब्रांड है और हम इसे और मुखर बनाने का प्रयास करेंगे। शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देना होगा। नवोदय से निकलने वाले छात्रों के लिए फ्री में सुविधाएं उपलब्ध करवाने से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।”
कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से ‘नविदायन भावना’ को बढ़ाने की प्रेरणा दी और कहा, “यहां से निकले छात्र समाज को नई दिशा देंगे। नवोदय का लोगो सभी जगह मुखर तरीके से सामने लाएं।” उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव IAS सूर्यपाल गंगवार ने छात्रों को उत्साहित करते हुए कहा, “यह गर्व की बात है कि हम नवोदय से संबंध रखते हैं। नवोदय की सुखद यादें अक्सर याद आती हैं।”
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी समां बांधा
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी इस आयोजन को जीवंत बना दिया। नृत्य और संगीत की प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। लखनऊ नवोदय के वर्तमान छात्रों ने अपने अद्भुत नृत्य से सभागार को तालियों से गूंजा दिया। ये प्रस्तुतियां न केवल मनोरंजन का माध्यम बनीं, बल्कि नवोदय की सांस्कृतिक विविधता को भी उजागर किया। नवोदय के प्राचार्य और कई सेवानिवृत्त शिक्षक भी कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्हें सम्मानित किया गया।
नवोदय सिर्फ एक स्कूल नहीं, एक आंदोलन है
‘नवोत्सव’ का यह आयोजन 2024 के इंदौर में होने वाले कार्यक्रम की परंपरा को आगे बढ़ाता है। 1986 में स्थापित जवाहर नवोदय विद्यालय, जो ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का माध्यम हैं, आज 661 से अधिक शाखाओं में फैले हुए हैं। ये स्कूल CBSE से संबद्ध हैं और कक्षा 6 से 12 तक मुफ्त आवासीय शिक्षा प्रदान करते हैं। नवोदय ने न केवल शिक्षा का स्तर ऊंचा किया, बल्कि सिविल सेवाओं, राजनीति और समाजसेवा में ग्रामीण युवाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाया। आज के ‘नवोत्सव’ से निकला संदेश स्पष्ट है: नवोदय सिर्फ एक स्कूल नहीं, बल्कि एक आंदोलन है।