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रेल मंत्रालय ने जीएम को अतिरिक्त प्रभार सौंपा, चयन प्रक्रिया में देरी पर उठे सवाल

रेल मंत्रालय ने मध्य और दक्षिण तट रेलवे जोन के महाप्रबंधकों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा है, जबकि उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख नजदीक है। विशेषज्ञों का कहना है कि मंत्रालय समय पर चयन प्रक्रिया को पूरा करने में असफल रहा है। इस निर्णय के पीछे की वजह और मंत्रालय की तैयारी की कमी पर चर्चा की गई है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

रेल मंत्रालय का नया निर्णय

रेल मंत्रालय ने मध्य और दक्षिण तट रेलवे जोन के महाप्रबंधकों (जीएम) को तीन महीने के लिए क्रमशः पश्चिम और दक्षिण मध्य जोन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। इन दोनों जोन के महाप्रबंधक 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मंत्रालय समय पर चयन प्रक्रिया को पूरा करने में असफल रहा है।


चयन प्रक्रिया की स्थिति

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि चयन प्रक्रिया अभी भी चल रही है और यह पहली बार नहीं है जब किसी एक जोन के महाप्रबंधक को दूसरे जोन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, "इससे किसी जोन में कार्य, योजनाओं के कार्यान्वयन या निर्णय लेने की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"


परिपत्र का विवरण

27 जून को जारी परिपत्र में कहा गया है कि दक्षिण तट रेलवे के महाप्रबंधक संदीप माथुर को अपने पद के साथ-साथ दक्षिण मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का कार्यभार भी संभालना होगा, जो तीन महीने की अवधि या नियमित नियुक्ति होने तक जारी रहेगा।


सेवानिवृत्ति और नियुक्तियों में देरी

परिपत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि वर्तमान महाप्रबंधक अरुण कुमार जैन 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसी तरह, पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्रा का कार्यभार तीन महीने के लिए मध्य रेलवे के महाप्रबंधक धर्मवीर मीणा को सौंपा गया है। सेवानिवृत्त महाप्रबंधक और वरिष्ठ अधिकारियों ने नियमित नियुक्तियों में देरी की आलोचना की है।


विशेषज्ञों की राय

एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा, "दो महाप्रबंधक की सेवानिवृत्ति पहले से तय थी और यह अचानक नहीं हुआ। यह दर्शाता है कि मंत्रालय समय पर चयन प्रक्रिया को लागू करने में विफल रहा है।" एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह मंत्रालय की ओर से तैयारी की कमी का मामला है।" कई विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि महाप्रबंधक के पद पर निर्णय तीन महीने पहले ही लिया जाना चाहिए था।