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रेल मंत्रालय ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान प्रशिक्षु कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर नई नीति जारी की

रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसमें कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान घर पर बिताई गई अवधि को रेलवे प्रशिक्षु कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के लिए सेवा काल के रूप में मानने का निर्देश दिया गया है। यह निर्णय तब आया जब एक जोनल रेलवे इकाई ने इस मुद्दे पर स्पष्टता मांगी थी। मंत्रालय ने पहले ही 2020 में इस संबंध में निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि यह अवधि छह महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए। जानें इस नई नीति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

रेल मंत्रालय का नया निर्देश

रेल मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि कोविड-19 के दौरान लागू लॉकडाउन के समय घर पर बिताई गई अवधि को रेलवे प्रशिक्षु कर्मचारियों के वेतन वृद्धि के लिए सेवा काल के रूप में माना जाएगा।


सात जुलाई को जारी एक परिपत्र में सभी मंडलों और उत्पादन इकाइयों को सूचित किया गया कि किसी भी रेलवे कर्मचारी की प्रशिक्षण अवधि, चाहे वह वजीफे पर हो या अन्य पारिश्रमिक पर, वेतन वृद्धि के लिए सेवा काल में शामिल की जाएगी।


यह परिपत्र तब जारी किया गया जब एक जोनल रेलवे इकाई ने यह जानने के लिए पत्र लिखा कि क्या लॉकडाउन के दौरान घर पर बिताई गई अवधि को वेतन वृद्धि के लिए सेवा काल माना जा सकता है।


मंत्रालय ने उत्तर में बताया कि उसने पहले ही 2020 में निर्देश जारी किए थे, जिसमें कोविड के कारण लॉकडाउन के दौरान घर पर रहने के लिए प्रशिक्षु कर्मचारियों को रोकी गई वजीफे की राशि जारी की गई थी। इन निर्देशों में यह भी कहा गया था कि यह अवधि छह महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए।


मंत्रालय ने आगे कहा, 'इस संदर्भ में मामले की पुनः समीक्षा की गई है और निर्णय लिया गया है कि कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान प्रशिक्षु रेलवे कर्मचारियों द्वारा घर पर बिताई गई अवधि (अधिकतम छह माह तक) वेतन वृद्धि के लिए सेवा अवधि के रूप में मानी जाएगी।'