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रूस-यूक्रेन युद्ध: ताजा हमलों से स्थिति और बिगड़ी

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में हालिया हमलों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। रूस ने यूक्रेन के सैन्य ठिकानों और गैस संरचनाओं पर हमले किए हैं, जिससे यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इन हमलों को कायरता करार दिया है। जानें इस संघर्ष के नवीनतम घटनाक्रम और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ता तनाव

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब लगभग साढ़े तीन वर्षों से जारी है और इसके समाप्त होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों के बावजूद, शांति स्थापित नहीं हो पाई है। दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों और ऊर्जा संरचनाओं को निशाना बनाकर अपने प्रतिद्वंद्वी को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी संदर्भ में, हाल ही में रूसी सेना ने कई यूक्रेनी सैन्य ठिकानों और गैस संरचनाओं पर हमले किए।


रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रात भर विभिन्न प्लेटफार्मों से मिसाइलें और लंबी दूरी के ड्रोन यूक्रेन पर दागे गए। इन हमलों ने अपने लक्ष्यों को भेदने में सफलता प्राप्त की।


यूक्रेन की सरकारी ऊर्जा कंपनी नैफ्टोगैज ने इस हमले को देश के गैस संरचनाओं पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया है। कंपनी ने कहा कि रूस के हमलों के कारण उसे गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है।


सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, 7 सितंबर को रूस ने कीव पर भी ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था, जिसके कारण 11 घंटे तक सायरन बजते रहे। इस हमले में रूस ने लगभग 800 ड्रोन तैनात किए थे, जिनमें से अधिकांश को एयर डिफेंस सिस्टम ने नष्ट कर दिया, लेकिन कई आवासीय और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचा। इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल था।


यूक्रेनी वायुसेना ने बताया कि रूस ने इस हमले में 810 ड्रोन, चार बैलिस्टिक मिसाइलें और नौ क्रूज मिसाइलें दागीं। यूक्रेनी सेना के अनुसार, यह हमला जुलाई में हुए हमले से भी अधिक भयानक था।


यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस हमले को कायरता का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह की हत्याएं तब हो रही हैं जब वास्तविक कूटनीति पहले ही शुरू हो सकती थी। जेलेंस्की ने कहा, "दुनिया को क्रेमलिन के अपराधियों को रोकने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।"