रूस में मुस्लिम जनसंख्या का बढ़ता प्रभाव: भविष्य की संभावनाएं
रूस की बदलती जनसंख्या संरचना
मॉस्को
रूस, जो अपनी सैन्य ताकत और वैश्विक राजनीति में प्रभाव के लिए जाना जाता है, अब एक नए बदलाव का सामना कर रहा है: इसकी जनसंख्या का बदलता स्वरूप। Pew Research और अन्य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, देश में मुस्लिम जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, और अनुमान है कि 2030 तक यह कुल जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकती है। वहीं, हिंदू और अन्य छोटे धार्मिक समूह अभी भी सीमित संख्या में हैं। यह परिवर्तन केवल सांख्यिकीय नहीं होगा, बल्कि रूस की सामाजिक और राजनीतिक संरचना पर भी प्रभाव डालेगा।
मुस्लिम जनसंख्या की वर्तमान स्थिति
रूस की कुल जनसंख्या लगभग 14 से 15 करोड़ के बीच मानी जाती है। इसमें मुस्लिम समुदाय का हिस्सा लगभग 7 से 10 प्रतिशत के आसपास है, यानी करीब 2.5 करोड़ लोग। चूंकि रूस में धर्म के आधार पर नियमित जनगणना नहीं होती, इसलिए ये आंकड़े विभिन्न शोध और सर्वेक्षणों पर आधारित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस्लाम रूस में तेजी से बढ़ता धर्म बन चुका है और आने वाले वर्षों में इसकी हिस्सेदारी और बढ़ सकती है।
भविष्य में संभावित बदलाव
कुछ धार्मिक और मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया जा रहा है कि अगले 10-15 वर्षों में रूस की जनसंख्या में मुस्लिम हिस्सेदारी और भी बढ़ सकती है। हालांकि विशेषज्ञ इसे अत्यधिक अनुमान मानते हैं, लेकिन प्रवास और जन्म दर के आधार पर मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि को नकारा नहीं जा सकता।
प्रवासन: मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि का मुख्य कारण
रूस में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि का सबसे बड़ा कारण मध्य एशियाई देशों से हो रहा प्रवास है। उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और कजाकिस्तान जैसे देशों से लोग रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में रूस आते हैं। इनमें से कई लोग लंबे समय से रूस में रह रहे हैं और स्थायी रूप से बस चुके हैं। इसके अलावा, रूस के कुछ क्षेत्र जैसे तातारस्तान, चेचन्या और दागेस्तान लंबे समय से मुस्लिम बहुल रहे हैं और वहां जन्म दर अपेक्षाकृत अधिक है, जिससे कुल मुस्लिम संख्या में इजाफा हो रहा है।
कहाँ अधिक मुस्लिम जनसंख्या है
रूस में मुस्लिम समुदाय की उपस्थिति कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से मजबूत है। तातारस्तान, चेचन्या और दागेस्तान में यह समुदाय पारंपरिक रूप से बड़ा है। वहीं, मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग जैसे बड़े शहरों में प्रवासी मुस्लिम जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।
कुछ रिपोर्टें यह अनुमान लगा रही हैं कि 2030 तक मुस्लिम जनसंख्या और अधिक बढ़ सकती है। विशेषज्ञ इस दावे को कुछ हद तक अतिशयोक्ति मानते हैं, क्योंकि कुल जनसंख्या सीमित है। फिर भी यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में रूस की जनसंख्या संरचना में बदलाव नजर आएगा।
ईसाई धर्म का अब भी प्रभाव
वर्तमान में रूस में ईसाई धर्म के अनुयायी सबसे अधिक हैं। लगभग आधी जनसंख्या ईसाई परंपराओं से जुड़ी हुई है। हालांकि कम जन्म दर और घटती जनसंख्या के कारण ईसाई समुदाय का अनुपात धीरे-धीरे कम हो रहा है।
हिंदू और अन्य धार्मिक समुदाय
रूस में हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायी बहुत कम हैं। इसके अलावा, एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी है जो किसी धर्म से नहीं जुड़ा, जिसका मुख्य कारण सोवियत युग का धर्मनिरपेक्ष प्रभाव माना जाता है।