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रूस की बांग्लादेश को चेतावनी: भारत के साथ संबंध सुधारने की सलाह

बांग्लादेश में चल रहे भारत विरोधी प्रदर्शनों के बीच, रूस ने बांग्लादेश को एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है। रूस के राजदूत ने बांग्लादेश को सलाह दी है कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारें, जिससे उन्हें लाभ होगा। यह चेतावनी अमेरिका के लिए भी चिंता का विषय बन सकती है, क्योंकि यह संबंध 1971 से जुड़े हुए हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और रूस की भूमिका के बारे में।
 

बांग्लादेश में रूस की एंट्री

बांग्लादेश में भारत विरोधी प्रदर्शनों के बीच, रूस ने इस विवाद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। रूस ने बांग्लादेश को ऐसी सलाह दी है जो कट्टरपंथियों के लिए एक बड़ा संदेश है। जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश में जो घटनाएं हो रही हैं, उनके पीछे अमेरिका का बड़ा हाथ है। अमेरिका की भारत और रूस के खिलाफ लड़ाई 1971 से शुरू हुई थी, जो अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है। इस संदर्भ में, रूस ने बांग्लादेश को एक गंभीर चेतावनी दी है, जो अमेरिका को भी चिंतित कर सकती है।



रूस के राजदूत एलेग्जेंडर ग्रिगोरी विच ने बांग्लादेश को भारत का नाम लेकर चेतावनी दी है। ढाका में उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेश भारत के साथ तनाव को जल्दी समाप्त कर ले, तो यह उनके लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और उन्होंने 1971 में थोड़ी मदद भी की थी। इसलिए, बांग्लादेश को चाहिए कि वह भारत और रूस के साथ मिलकर चले।



उस समय अमेरिका ने पाकिस्तान का समर्थन किया था और भारत पर हमले की योजना बनाई थी। पूरी दुनिया ने देखा कि भारत अकेला पड़ रहा था। ऐसे में, रूस (तब सोवियत संघ) ने तुरंत मदद की पेशकश की। उन्होंने न केवल अपने 40वें बेड़े को भारतीय समुद्री सीमा में भेजा, बल्कि अमेरिका को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि भारत पर हमला हुआ, तो इसे रूस पर हमला माना जाएगा। इन सभी बातों को याद दिलाकर, रूस ने बांग्लादेश को एहसान फरामोशी के लिए एक कड़ा संदेश दिया है।