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रुपये में गिरावट: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 48 पैसे की कमी

रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी है, जहां अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 48 पैसे की कमी आई है। इस गिरावट के पीछे मजबूत डॉलर, घरेलू बाजारों की कमजोरी और फेडरल रिजर्व की नीतियों का हाथ है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपये में और गिरावट संभव है। जानें इस गिरावट के कारण और शेयर बाजार की स्थिति के बारे में।
 

रुपये की गिरावट का कारण

डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है

मजबूत अमेरिकी डॉलर और घरेलू बाजारों की कमजोरी के कारण, गुरुवार को रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 48 पैसे की गिरावट के साथ 88.70 (अनंतिम) पर बंद किया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। हालांकि, फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों ने दिसंबर में और कटौती की उम्मीदों को कम कर दिया। इसके अलावा, महीने के अंत में डॉलर की मांग और विदेशी पूंजी की निकासी ने भी रुपये पर दबाव डाला है। आइए जानते हैं करेंसी मार्केट में क्या स्थिति है…


रुपये में आई बड़ी गिरावट

रुपये में आई बड़ी गिरावट

इंटरबैंक फॉरेन करेंसी मार्केट में, रुपये ने 88.37 पर शुरुआत की और बाद में 88.74 के निचले स्तर तक गिर गया। अंततः, रुपये ने 88.70 (अनंतिम) पर बंद किया, जो पिछले बंद भाव से 48 पैसे कम है। बुधवार को रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 88.22 पर बंद होकर सात पैसे की वृद्धि की थी। यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले एक हफ्ते में रुपये में दूसरी बार 40 पैसे से अधिक की गिरावट आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में रुपये में और गिरावट संभव है.


डॉलर इंडेक्स और शेयर बाजार की स्थिति

डॉलर इंडेक्स में तेजी और शेयर बाजार में गिरावट

  1. डॉलर इंडेक्स में तेजी देखी जा रही है, जो छह प्रमुख करेंसीज के मुकाबले 15 दिन के उच्चतम स्तर 99.12 पर पहुंच गया है।
  2. कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट आई है, जहां खाड़ी देशों का कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम वायदा कारोबार में 0.65 फीसदी गिरकर 64.50 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है।
  3. घरेलू शेयर बाजारों में भी गिरावट आई है, जहां सेंसेक्स 592.67 अंक गिरकर 84,404.46 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 176.05 अंक गिरकर 25,877.85 पर बंद हुआ।
  4. विदेशी निवेशकों ने भी अपने निवेश में कमी की है, जिससे बुधवार को 2,540.16 करोड़ रुपये की मुनाफावसूली हुई।


रुपये में और गिरावट की संभावना

क्या और आ सकती है रुपये में गिरावट?

मिराए एसेट शेयरखान के करेंसी और कमोडिटीज के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी ने कहा कि मजबूत अमेरिकी डॉलर और घरेलू बाजारों की कमजोरी के चलते रुपये में थोड़ी नकारात्मक प्रवृत्ति देखने को मिल सकती है। महीने के अंत में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की डॉलर की मांग भी रुपये पर दबाव डाल सकती है।

जैसा कि अपेक्षित था, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। हालांकि, पॉवेल ने कहा कि दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की कोई निश्चितता नहीं है, क्योंकि महंगाई लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है और श्रम बाजार में अनिश्चितताएं हैं।

पॉवेल की टिप्पणियों के बाद, दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें तेजी से कम हुईं, जिससे अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि और डॉलर में मजबूती आई। चौधरी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी रुपये को सहारा दे सकती है। उन्होंने अनुमान लगाया कि USDINR की हाजिर कीमत 88.45 से 89 के दायरे में रहने की संभावना है.