रुपए में आई तेजी: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर
रुपए में आई तेजी
मंगलवार को रुपए में सकारात्मक रुझान देखने को मिला।
जबकि डॉलर में मजबूती और विदेशी निवेशकों की बिकवाली चल रही थी, किसी ने नहीं सोचा था कि रुपए में वृद्धि होगी। लेकिन जब भारत का करेंसी बाजार चौंकाता है, तो वैश्विक स्तर पर हलचल मच जाती है। दरअसल, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण रुपए में यह वृद्धि हुई। हालांकि यह वृद्धि मामूली है, लेकिन यह रिकॉर्ड गिरावट की ओर बढ़ रहे रुपए के लिए महत्वपूर्ण है। इस वृद्धि ने रुपए के जीवनकाल के निचले स्तर से दूरी को बढ़ा दिया है, जो राहत की बात है। आइए जानते हैं कि रुपए के संदर्भ में क्या आंकड़े सामने आए हैं।
रुपए में आई तेजी
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते, मंगलवार को रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 11 पैसे की बढ़त के साथ 88.66 (अनंतिम) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि मजबूत डॉलर, विदेशी पूंजी की निकासी और सुस्त घरेलू शेयर बाजारों ने भारतीय मुद्रा की वृद्धि को सीमित किया। इंटर बैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज में, रुपया 88.55 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 88.28 के उच्च स्तर तक पहुंचा।
इसने 88.67 के निचले स्तर को भी छुआ और अंत में 88.66 (अनंतिम) प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 11 पैसे की वृद्धि दर्शाता है। सोमवार को, घरेलू मुद्रा लगातार तीसरे सत्र में गिरावट के साथ, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 7 पैसे की गिरावट के साथ 88.77 पर बंद हुई, जो अपने सर्वकालिक बंद स्तर के करीब है। 14 अक्टूबर को रुपया डॉलर के मुकाबले 88.81 के अपने सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ था। प्रकाश पर्व की छुट्टी के कारण बुधवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद रहेंगे।
डॉलर में बाजार में गिरावट
- इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती का सूचक डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत बढ़कर 99.80 पर पहुँच गया।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाड़ी देशों का कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल 1.37 फीसदी गिरकर 64 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
- घरेलू शेयर बाजारों में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 519.34 अंक या 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,459.15 पर बंद हुआ।
- वहीं दूसरी ओर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 165.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,597.65 पर बंद हुआ।
- एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 1,883.78 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई तेजी
सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण से पता चला है कि अक्टूबर में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी देखने को मिली है, जो वस्तु एवं सेवा कर में राहत, उत्पादकता में वृद्धि और तकनीकी निवेश से प्रेरित थी, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बिक्री में धीमी गति से वृद्धि हुई। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में 57.7 से बढ़कर अक्टूबर में 59.2 हो गया, जो इस क्षेत्र की स्थिति में तेजी से सुधार का संकेत देता है.