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रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए कितने पैसे की जरूरत है?

रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन के लिए आवश्यक धनराशि पर एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि अधिकांश लोग एक करोड़ रुपये को पर्याप्त मानते हैं। अध्ययन में भारत के रिटायरमेंट इंडेक्स में सुधार और स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों में वृद्धि का भी उल्लेख किया गया है। सर्वेक्षण में शामिल व्यक्तियों का मानना है कि रिटायरमेंट की योजना जल्दी शुरू करनी चाहिए। जानें इस अध्ययन के अन्य महत्वपूर्ण निष्कर्ष और रिटायरमेंट के लिए वित्तीय तैयारी का महत्व।
 

रिटायरमेंट के लिए वित्तीय तैयारी का महत्व

आजकल एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन के लिए कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी। हालांकि, इस विषय पर अधिकांश लोग गंभीर नहीं हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में, विशेषकर नौकरीपेशा और पेशेवरों के बीच यह चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में रिटायरमेंट के बाद की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक धन की जानकारी अभी भी बहुत कम है। दिलचस्प बात यह है कि 10 में से 7 लोग मानते हैं कि एक करोड़ रुपये का फंड उनके आरामदायक रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त होगा। यह जानकारी एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की वार्षिक अध्ययन रिपोर्ट से प्राप्त हुई है.


रिटायरमेंट इंडेक्स में सुधार

इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रिटायरमेंट इंडेक्स 2022 में 44 से बढ़कर 2025 में 48 हो गया है। यह सुधार मुख्यतः बेहतर स्वास्थ्य आदतों, नियमित स्वास्थ्य जांच और जीवन कवरेज में वृद्धि के कारण हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों का वित्तीय आत्मविश्वास स्थिर है, लेकिन रिटायरमेंट फंड के प्रति उनकी समझ में कमी है। स्वास्थ्य संबंधी तैयारियों में सबसे अधिक सुधार देखा गया है, जो दर्शाता है कि भारत अब रिटायरमेंट सुरक्षा को समग्र स्वास्थ्य के रूप में मानने लगा है.


सर्वेक्षण के निष्कर्ष

यह सर्वेक्षण देश के 28 शहरों में 25 से 65 वर्ष की आयु के 2,242 व्यक्तियों के बीच किया गया था। इनमें से आधे लोग वेतनभोगी और आधे स्व-नियोजित थे, जिनकी वार्षिक आय पांच लाख रुपये या उससे अधिक थी। सर्वे के अनुसार, 50 प्रतिशत लोगों का मानना है कि रिटायरमेंट की योजना कमाई शुरू होने के साथ ही और 35 वर्ष की उम्र से पहले शुरू कर देनी चाहिए.


रिटायरमेंट फंड की चुनौती

एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुमित मदान ने कहा कि यह वार्षिक अध्ययन दर्शाता है कि उपभोक्ता अब अधिक जागरूक, स्वास्थ्य के प्रति सजग और दीर्घकालिक वित्तीय योजना के प्रति आत्मविश्वासी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगली चुनौती रिटायरमेंट के बाद की सुखद जिंदगी के लिए पर्याप्त फंड तैयार करना और मानसिक दृढ़ता को बढ़ाना है। इस अध्ययन में पहली बार विदेश से लौटे श्रमिकों और अस्थायी काम करने वाले गिग पेशेवरों को भी शामिल किया गया है.